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राम भरोसे भाजपा की चुनावी नैया!
लखनऊ। यूपी चुनाव की वैतरणी पार करने के लिए भाजपा ने एक बार फिर राम मंदिर का दांव खेला है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आती है, तो वह ‘संवैधानिक दायरे में’ रहकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की दिशा में काम शुरू करेगी।
विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का चुनाव घोषणा पत्र जारी करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां कहा कि पार्टी ने 2014 में लोकसभा चुनाव को लेकर जो घोषणा पत्र जारी किया था, उसमें भी इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया था।
शाह ने कहा, “भाजपा ने राम मंदिर पर अपने रुख को दोहराया है। अगर उत्तर प्रदेश में सत्ता मिली, तो पार्टी संविधान के दायरे में रहकर राम मंदिर का निर्माण करेगी।”
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव को लेकर जारी चुनाव घोषणा पत्र में भाजपा ने कहा था कि वह संविधान के दायरे में रहकर राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाओं की तलाश करेगी। उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से विधानसभा चुनाव शुरू होगा, जो सात चरणों में होगा।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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