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बुंदेलखंड : बांदा में 52 हजार मतदाता बिना ‘पहचान पत्र’ के

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बुंदेलखंड : बांदा में 52 हजार मतदाता बिना 'पहचान पत्र' केबांदा | उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के बांदा जिले में पिछले छह माह में चलाए गए अभियान के बाद भी करीब 52 हजार नए मतदाताओं के पास अब भी ‘पहचान पत्र’ नहीं है। पहली बार मतदान करने के लिए उत्सुक युवाओं को मतदान में खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

निर्वाचन आयोग द्वारा एक जनवरी 2017 को 18 साल की उम्र पूरी कर चुके युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने के लिए पिछले छह माह से चलाए गए अभियान में बांदा जिले में एक लाख से ज्यादा नए मतदाता शामिल किए गए, लेकिन अब भी करीब 52 हजार मतदाताओं के पास पहचानपत्र नहीं है, इस अभाव में उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में खासी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

हालांकि चुनाव से जुड़े एक अधिकारी का कहना है, “12 जनवरी तक पहचानपत्र की खेप आ जाएगी।”

जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार, विधानसभा क्षेत्र तिंदवारी में 14,733, बबेरू में 10,873, नरैनी में 13,136 और बांदा सदर में 13,289 नए मतदाता दर्ज किए गए हैं। इन मतदाताओं को अभी तक पहचान पत्र नसीब नहीं हुआ। यह ज्यादातर युवा छात्र-छात्राएं हैं, जिनके पास विकल्प के तौर पर विद्यालय के परिचय पत्र के अलावा कुछ नहीं है।

जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी पुरुषोत्तम नारायण ने बताया, “जिले में अभी 52031 नए मतदाताओं के पास पहचान पत्र नहीं है, पहचान पत्र का कार्य पुणे की एक फर्म को सौंपा गया है। उच्चाधिकारियों से हुई वार्ता के मुताबिक 12 जनवरी तक इनकी खेप आने की उम्मीद है। खेप न आने की दशा में आयोग द्वारा सुझाए गए विकल्पों के आधार पर मतदान कराने की इजाजत दी जाएगी।”

नेशनल

अखिलेश यादव ने समझाई एग्जिट पोल्स की क्रोनोलॉजी, बोले- भाजपाई मीडिया भाजपा को 300..

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद जारी हुए एग्जिट पोल के नतीजों में NDA को प्रचंड बहुमत मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि इंडी गठबंधन इन एग्जिट पोल्स के नतीजों को मानने को तैयार नहीं है। इंडी गठबंधन के तमाम नेता इन आंकड़ों को झूठा साबित करने में लगे हुए हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एग्जिट पोल को झूठा ही बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। अपनी पोस्ट के जरिए उन्होंने एग्जिट पोल की क्रोनोलॉजी समझाई है।

अखिलेश यादव ने लिखा है ‘विपक्ष ने पहले ही घोषित कर दिया था कि भाजपाई मीडिया भाजपा को 300 पार दिखाएगा, जिससे घपला करने की गुंजाइश बन सके। ⁠आज का ये भाजपाई एग्जिट पोल कई महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था बस चैनलों ने चलाया आज है। ⁠इस एग्जिट पोल के माध्यम से जनमत को धोखा दिया जा रहा है। ⁠इस एग्जिट पोल को आधार बनाकर भाजपाई सोमवार को खुलने वाले शेयर बाजार से जाते-जाते लाभ उठाना चाहते हैं।’

अखिलेश यादव ने आगे लिखा है कि ‘⁠अगर ये एग्जिट पोल झूठे न होते और सच में भाजपा हार न रही होती तो भाजपा वाले अपनों पर ही इल्जाम न लगाते। ⁠भाजपाइयों के मुरझाए चेहरे सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं। भाजपाई ये समझ रहे हैं कि पूरे देश का परिणाम चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव की तरह बदला नहीं जा सकता है, क्योंकि इस बार विपक्ष पूरी तरह से सजग है और जनाक्रोश भी चरम पर है। ⁠भाजपा से मिले हुए भ्रष्ट अधिकारी भी सर्वोच्च न्यायालय की सक्रियता देखकर धांधली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, साथ ही वो जनता के क्रोध का भी शिकार नहीं होना चाहते हैं।’

उन्होंने आगे लिखा है कि ‘इंडिया गठबंधन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और प्रत्याशी ईवीएम की निगरानी में एक प्रतिशत भी चूक न करें। इंडिया गठबंधन जीत रहा है। इसीलिए चौकन्ने रहकर मतगणना कराएं और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही विजय का उत्सव मनाएं।’ एक अन्य पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा है कि ‘Exit Poll का आधार EVM नहीं DM है। प्रशासन याद रखे जनशक्ति से बड़ा बल और कोई नहीं होता।’

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