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मुख्य समाचार

मुलायम ने किरणमय नंदा व नरेश अग्रवाल को पार्टी से निकाला

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Kiranmay-Nandaलखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में पिता-पुत्र के बीच छिड़े घमासान के बीच जहां अखिलेश ने नरेश उत्तम को सपा प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया, वहीं सपा मुखिया मुलायम सिंह ने अखिलेश को करारा जवाब देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नरेश अग्रवाल व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

मुलायम ने दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पार्टी से निष्कासित किया।

रविवार को प्रो. रामगोपाल यादव द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन की किरणमय नंदा ने अध्यक्षता की थी। वहीं नरेश अग्रवाल भी वहां जाकर अखिलेश यादव के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के प्रस्ताव पर सहमति दी थी।

उधर, शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को पार्टी प्रमुख मुलायम से लखनऊ में उनके आवास पर मुलाकात की और मिर्जापुर, आजमगढ़, देवरिया और कुशीनगर की सपा जिला यूनिट को भंग कर दिया।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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