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प्रादेशिक

विजिलेंस अफसरों के खिलाफ अन्वेषण का आदेश

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विजिलेंस अफसर, आईपीएस अफसर, अमिताभ ठाकुर, कोर्ट, डॉ नूतन ठाकुर

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विजिलेंस अफसर, आईपीएस अफसर, अमिताभ ठाकुर, कोर्ट, डॉ नूतन ठाकुर

लखनऊ 13 अक्टूबर 2015 को आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के घर पर मारे गए विजिलेंस छापे में दो दर्जन से अधिक लोगों के बिना इजाजत घर में घुसने और निवेदन के बाद भी अमिताभ और उनकी पत्नी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को कोर्ट में लगे मुकदमों में नहीं जाने के सम्बन्ध में सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने प्रभारी निरीक्षक, गोमतीनगर को अन्वेषण करने का आदेश दिया है ।

कोर्ट ने कहा है कि प्रार्थी और उनकी पत्नी के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध पपत्रों के अनुसार परिवाद में दिए गए तथ्यों के सम्बन्ध में धारा 202(1)सीआरपीसी में अन्वेषण आवश्यक है. सीजेएम ने एसओ गोमतीनगर को अन्वेषण कर एक माह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी 2017 है ।

अमिताभ ने अपने वाद में कहा था कि कोर्ट द्वारा मात्र विवेचक दद्दन चौबे को सर्च वारंट दिया गया था लेकिन विजिलेंस विभाग के कई सारे लोग जबरदस्ती उनके घर में घुस गए थे और घंटों बिना कानूनी इजाजत मौजूद रहे थे जिसका एकमात्र उद्देश्य उन्हें डराना और समाज में जलील करना था, जो धारा 341, 342, 447, 448, 451, 452 आईपीसी में अपराध है ।

 

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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