बिजनेस
इंडियन ऑयल संघ देश में सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी लगाएगा
नई दिल्ली | सरकारी तेल विपणन कंपनियों -इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन- ने बुधवार को भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी निर्माण के लिए समझौता किया। इसकी लागत 30 अरब डॉलर आएगी। अधिकारियों ने कहा कि यह परियोजना छह करोड़ टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की होगी। यह महाराष्ट्र में स्थापित की जाएगी।
इस संघ का नेतृत्व इंडियन ऑयल करेगा। इस परियोजना में इंडियन ऑयल की 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की 25-25 फीसदी हिस्सेदारी होगी। संघ के इस समझौते पर पेट्रोटेक 2016 हाइड्रोकार्बन सम्मेलन से इतर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल और अनिल माधव दवे भी मौजूद थे।
अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र तट पर दो-तीन जगहों पर रिफाइनरी के लिए जगह तलाशी जा रही है। बड़ा पेट्रोकेमिकल परिसर दो चरणों में स्थापित किया जाएगा। पहले चरण की क्षमता चार करोड़ टन होगी। इसके साथ एरोमैटिक कॉम्पलेक्स, नेफ्था क्रैकर यूनिट और एक बहुलक परिसर होगा। इसकी लागत 1.2-1.5 लाख करोड़ रुपये आएगी। यह जमीन अधिग्रहण के बाद 5-6 सालों में बनकर तैयार हो जाएगा।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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