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राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी ने पंडित नेहरू को दी श्रद्धांजलि

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nehru jayantiनई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को उनकी 127वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति यमुना नेहरू स्मारक शांति वन पहुंचे। नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में भी मनाई जाती है। इस अवसर पर स्कूली बच्चे भी उन्हें श्रद्धांजलि देने शांति वन पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर श्रद्धांजलि दी। मोदी ने ट्वीट कर कहा, पंडित नेहरू की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी देश के पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। दोनों नेता नेहरू के स्मारक स्थल शांति वन पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। नेहरू के परपौत्र राहुल ने ट्वीट कर कहा, पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि। आज हम उन लोगों को याद कर रहे हैं, जिन्होंने इस देश और यहां के नागरिकों के लिए बलिदान दिया।

उल्लेखनीय है कि मोतीलाल नेहरू व स्वरूप रानी की संतान जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। देश के आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री बनने वाले नेहरू 27 मई, 1964 को अपने निधन तक इस पद पर बने रहे।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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