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मुख्य समाचार

राष्ट्रपति मुखर्जी जनकपुर, पोखरा के लिए रवाना हुए

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राष्ट्रपति मुखर्जीकाठमांडू | नेपाल के दौरे पर आए भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शुक्रवार को दक्षिण नेपाल के एक शहर, जनकपुर के लिए रवाना हो गए, जहां वह पवित्र राम-जानकी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। जनकपुर में पूजा अर्चना के अलावा वह जनकपुर नगरपालिका द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में भी भाग लेंगे।

जनकपुर में कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुखर्जी पोखरा जाएंगे। नेपाल का यह शहर झीलों के शहर के नाम से भी मशहूर है। यहां राष्ट्रपति पेंशन भुगतान कार्यालय में 10,000 पूर्व भारतीय गोरखा सैनिकों को संबोधित करेंगे और उनसे बातचीत करेंगे।

इसके बाद वह पुन: काठमांडू लौटेंगे और हवाई अड्डे से सीधे नई दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी अपने भरतीय समकक्ष और मेहमान को त्रिभुवन हवाई अड्डे पर विदा करेंगी।

भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से मुखर्जी के प्रस्थान के दौरान हवाई अड्डे पर सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित होंगी।

नेशनल

628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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