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मुलायम ने रामगोपाल को निकाला, शिवपाल ने कहा षड्यंत्रकारी

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश में सपा के भीतर मचे सियासी संग्राम के बीच सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया है। शिवपाल ने रामगोपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें षड्यंत्रकारी बताया। इधर, सपा से निष्कासित रागोपाल यादव ने शिवपाल की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने रामगोपाल यादव की बर्खास्तगी को लेकर एक बयान जारी किया है। बयान में उन्होंने लिखा है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आदेश पर पार्टी के महासचिव व राष्टीय प्रवक्ता रामगोपाल को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।

शिवपाल ने पत्र में कहा है, “आप सबने प्रोफेसर साहब का पत्र पढ़ लिया होगा। वह यह सब इसीलिए कर रहे हैं क्योंकि वह भाजपा से मिल गए हैं। रामगोपाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक बड़े नेता से तीन बार मिल चुके हैं। वह ये सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पुत्र अक्षय यादव एवं पुत्रवधु यादव सिंह घोटाले में फंसे हुए हैं। स्वयं को बचाने के लिए भाजपा के इशारे पर सपा को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।” शिवपाल ने आगे लिखा है, “मुख्यमंत्री समझ नहीं रहे हैं, लेकिन उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि कौन उनका सगा है और कौन उनका शुभेच्छू है। प्रोफेसर साहब हमेशा तिकड़म करते रहते हैं। मैंने उनकी तानाशाही व नकारात्मक कार्यो को हमेशा ही पार्टी के सामने उठाया था। अब तो वह अखिलेश सरकार व नेताजी को कमजोर करने पर आमादा हैं।”

पत्र में कहा गया है कि रामगोपाल भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं। उन्होंने हमेशा नेताजी की उदारता का दुरुपयोग किया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राज में अत्याचार के खिलाफ जब सब नेता जेल गए तब प्रोफेसर साहब किसी से मिलने नहीं गए। सपा के कार्यकर्ता सरकार बनाने के लिए पसीना बहा रहे हैं, लेकिन रामगोपाल ने भ्रम फैलाकर महागठबंधन तुड़वाया। इससे पहले पत्रकार वार्ता के दौरान भी शिवपाल यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच से बचने के लिए घर के कुछ नेता भाजपा से मिल गए हैं। अपनी बर्खास्तगी को लेकर हालांकि उन्होंने कहा कि सीधा आरोप लगाकर हटा दिया गया, लेकिन इसका फैसला जनता करेगी।

पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान शिवपाल यादव ने यह बातें कही। उन्होंने कहा, “नेताजी (मुलायम सिंह) ने 60 वर्ष की कड़ी मेहनत से पार्टी को खड़ा किया है। उनके नेतृत्व में ही हम चुनाव में जाएंगे। हम पर सीधा आरोप लगाकर बर्खास्त कर दिया गया। यह चुनाव का समय है। हम जनता के बीच जाएंगे।” शिवपाल ने कहा, “हमारे घर के कुछ लोग भाजपा से मिल गए हैं। सीबीआई से बचने के लिए हमारे कुछ लोग भाजपा से मिल गए हैं। अभी मुख्यमंत्री अखिलेश इन बातों को नहीं समझ रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए।”

इस बीच, सपा से निष्कासित रागोपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवपाल की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरे ऊपर किसी तरह का आरोप नहीं है और न ही किसी सीबीआई जांच का हिस्सा हूं। बेटे और बहु का नाम भी किसी भी जांच में नहीं है।” रामगोपाल ने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं। अन्य दलों के नेताओं से जो भी मुलाकातें हुईं, वे राजनीतिक शिष्टाचार का हिस्सा थीं। गौरतलब है कि महासचिव रामगोपाल यादव ने रविवार को एक और पत्र पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का भविष्य बताया है। रामगोपाल ने ‘प्यारे साथियों’ नाम से संबोधित पत्र में कहा है कि अखिलेश के साथ के लोगों ने पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया और बड़े बलिदान दिए, जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने ‘करोड़ों रुपये कमाए और सत्ता का दुरुपयोग’ किया।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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