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डिग्री विवाद में स्मृति ईरानी को बड़ी राहत, याचिका खारिज

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smiriti iraniनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को राहत देते हुए एक सुनवाई अदालत ने मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग को कथित रूप से अपनी शैक्षिक योग्यता की फर्जी जानकारी देने को लेकर उनके खिलाफ समन जारी करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी। पटियाला हाउस जिला अदालत ने कहा कि यह शिकायत मंत्री को परेशान करने के लिए दायर की गई है।

महानगर दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने कहा कि ईरानी के खिलाफ समन जारी करने की याचिका खारिज है और उन्होंने कहा कि यह शिकायत 11 साल देर से दायर की गई है और वर्ष 2004 का मूल चुनावी शपथ पत्र उपलब्ध नहीं होने की वजह से ऐसा किया गया।

अदालत अहमर खान की एक निजी याचिका की सुनवाई कर रही थी। खान ने ईरानी पर आरोप लगाया था कि अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग में दायर तीन शपथ पत्रों में भिन्न-भिन्न ब्योरे दिए हैं। ये शपथ पत्र लोकसभा और राज्यसभा के वर्ष 2004, 2011 और 2014 में हुए चुनावों के लिए दायर किए गए थे।

पिछली सुनवाई के दिन चुनाव आयोग के अधिकारी ने एक चुनाव आयोग में ईरानी द्वारा 2004 के चुनाव में दायर शपथ पत्र के बारे में एक प्रमाण पत्र पेश किया था। चुनाव आयोग ने इससे पहले जो दस्तावेज पेश किए थे, वे उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ली गई एक प्रति थी।

उस समय आयोग ने अदालत को कहा था कि ईरानी का वर्ष 2004 का मूल शपथ पत्र गुम हो गया है। शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत के बाहर मीडिया को यह जानकारी दी। खान ने पिछले वर्ष अप्रैल में यह शिकायत दर्ज कराई थी और ईरानी पर शपथ पत्र में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

खान के वकील के.के. मेनन और अंजलि राजपूत ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने दिल्ली के 2004 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक क्षेत्र से भरे गए नामांकन में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से 1996 बैच की स्नातक बताया था।

लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब ईरानी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए भरे गए शपथपत्र में कहा है कि उन्होंने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.कॉम पार्ट-1 किया है।

खान ने कहा कि वर्ष 2011 में 11 जुलाई को गुजरात से राज्यसभा के चुनाव में दाखिल हलफनामे में उन्होंने कहा है कि उनकी उच्चतम शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से बी. कॉम पार्ट-1 है।

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नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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