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रघुराम राजन ने कांग्रेस एजेंट की तरह काम किया : स्वामी
नई दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन को एक बार फिर निशाना बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को कहा कि भाजपा के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से राजन कांग्रेस एजेंट की तरह से काम कर रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि एक सीधे आरबीआई गवर्नर को भाजपा सांसद जिस तरह से निशाना बना रहे हैं, उससे उन्हें काफी दुख हो रहा है।
आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जिस तरह से रघुराम राजन जैसे एक सीधे आरबीआई गवर्नर के साथ व्यवहार किया जा रहा है, उससे मुझे काफी दुख हुआ है।” रघुराम राजन ने कहा है कि सितंबर में कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह दूसरा कार्यकाल नहीं चाहेंगे।
आजाद के बयान पर टिप्पणी करते हुए स्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के बयान से उनका यह संदेह मजबूत होता है कि राजन ने कांग्रेस के एजेंट की तरह से काम किया है। स्वामी ने कहा, “इससे सिर्फ मेरा यह संदेह ही पुष्ट होता है कि उन्होंने (राजन) कांग्रेस एजेंट की तरह से काम किया।”
भाजपा नेता ने राजन पर आरोप लगाया कि उन्होंने लघु और मध्यम उद्योगों का कारोबार खत्म कर देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से स्वामी लगतार रघुराम राजन की आलोचना कर रहे हैं और उन पर आरोप लगा रहे हैं कि राजन ने ब्याज दर ऊंची रखकर देश अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दी है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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