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जंग प्रधानमंत्री कार्यालय के जासूस : आप
नई दिल्ली| आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को उपराज्यपाल नजीब जंग पर प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया। आप ने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दिल्ली सरकार को अस्थिर करना चाहती है। आप नेता संजय सिंह ने कहा, “उपराज्यपाल प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के जासूस की तरह काम कर रहे हैं। भाजपा दिल्ली सरकार को अस्थिर करना चाहती है।” आप की यह टिप्पणी एक रपट प्रकाशित होने के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि जंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा से शिकायत की है कि रेलवे के एक अधिकारी एस.के. अग्रवाल अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेकर दिल्ली सरकार के लिए काम करते पाए गए। दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने इस आरोप को निराधार बताया है।
पीएमओ को जंग के पत्र के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मई में दिल्ली सरकार से अपने साथ प्रतिनियुक्त सभी अधिकारियों का ब्योरा देने को कहा था। संजय सिंह ने कहा कि भाजपा दिल्ली सरकार को काम न करने देने के एकमात्र एजेंडे के साथ केंद्र सरकार और अन्य संवैधानिक पदों का दुरुपयोग कर रही है। सिंह ने आरोप लगाया, “मोदी सरकार उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली पर शासन करने का प्रयास कर रही है।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार के जनहित से जुड़े कई विधेयकों और परियोजनाओं को मंजूरी न देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार और उपराज्यपाल का कार्यालय दिल्ली की जनता की जिंदगी दूभर करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे।” उन्होंने कहा, “दिल्ली में कानून-व्यवस्था की गिरती स्थिति के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि यहां पुलिस आप सरकार को रिपोर्ट नहीं करती।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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