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देश में ई-पासपोर्ट सेवा जल्द : सुषमा

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भोपाल| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां गुरुवार को कहा है कि देश में पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास उनकी सरकार की ओर से जारी है। ई-पासपोर्ट सेवा भी जल्दी शुरू हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने गुरुवार को कहा कि ई-पासपोर्ट सेवा वर्ष 2008 में शुरू करने का ऐलान किया गया था, मगर छह वर्ष तक यह सेवा शुरू नहीं हो पाई। इसके लिए उनकी सरकार दोषी नहीं है। उनकी सरकार यह सेवा जल्द ही शुरू करेगी उन्होंने कहा कि जब केंद्र में उनकी सरकार बनी थी, तब देश को पांच लाख पासपोर्ट पुस्तिकाओं की जरूरत थी। उनके प्रयासों से छह लाख पुस्तिकाएं तैयार हुईं। इसके बाद उन्होंने जल्द पासपोर्ट बनाने के निर्देश दिए।

सुषमा स्वराज ने भोपाल के कार्यालय द्वारा बनाए जा रहे पासपोर्ट की चर्चा करते हुए बताया कि पहले 28 कार्य दिवस कुल 40 दिनों में पासपोर्ट बनते थे, अब इसे सात कार्य दिवस यानी कुल 12 दिनों में बनाया जा रहा है। उनकी कोशिश है कि पासपोर्ट तीन कार्य दिवस में ही बनें। यह सुशासन का एक उदाहरण है। उन्होंने केंद्र सरकार की कार्यशैली की चर्चा करते हुए कहा कि बीते सात माह विकासोन्मुखी और सुशासनयुक्त रहे हैं। यह सरकार दोनों ही मानदंडों पर खरी उतरी है। वर्तमान सरकार विकास और सुशासन को लेकर चल रही है।

सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से कहते हुए कहा कि अटल का विकास और सुशासन मंत्र रहा है, जिसे मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। दोनों विकास और सुशासन के पर्याय हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात दंगे के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल ने व्यथित होकर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र से कहा था कि उन्हें राजधर्म निभाना चाहिए था।

सुशासन का मतलब समझाते हुए सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंक खातों का खोला जाना सुशासन की परिभाषा में आता है। वहीं मेक इन इंडिया के जरिए देश की बड़ी समस्या बेरोजगारी पर प्रहार किया गया है। धर्मातरण के मसले पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि धर्मातरण को रोकने के लिए धर्मातरण विरोधी कानून जरूरी है। जब तक यह कानून नहीं आएगा, तब तक धर्मातरण को रोकना आसान नहीं है।

संविधान की मूल भावना ‘सर्वधर्म समभाव’ के बावजूद विदेश मंत्री ने कहा, “हमारी सभी दलों से अपील है कि वे इस कानून को बनाने में मदद करें।” ईरान में 39 भारतीयों के आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के कब्जे में होने के सवाल पर सुषमा ने कहा कि सरकार इन बंधकों को मुक्त कराने के लिए वह सभी प्रयास कर रही है जो जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान से साढ़े सात हजार और अन्य स्थानों से भारतीयों को वापस लाना भी बड़ी बात है।

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राजनाथ सिंह ने लखनऊ लोकसभा सीट से दाखिल किया नामांकन, सीएम योगी भी रहे मौजूद

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लखनऊ। केंद्रीय रक्षा मंत्री और लखनऊ लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे।

राजनाथ सिंह लगातार तीसरी बार लखनऊ से चुनाव मैदान में हैं. वे यहां से 2014 और 2019 में भी चुनाव जीत चुके हैं.। लखनऊ सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। यहां से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (1991, 1996, 1998, 1999 और 2004) में सांसद चुने गए। 2009 में इस सीट से बीजेपी के लालजी टंडन से जीत हासिल की। इससे पहले 1989 में जनता दल के मांधाता सिंह जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे।

इससे पहले नामांकन के लिए राजनाथ सिंह का रोड शो लखनऊ के भाजपा कार्यालय से शुरू हुआ और वह सैकड़ों की संख्या में अपने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता बेहद उत्साहित रहे और तीसरी बार उनकी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आए। लखनऊ में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने इस सीट से रविदास मेहरोत्रा ​​को मैदान में उतारा है।

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