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अदालतों में लंबित मामलों से राष्ट्रपति चिंतित

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अदालतों में लंबित मामले, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चिंतित, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ

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अदालतों में लंबित मामले, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चिंतित, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ

इलाहाबाद| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की अदालतों में हजारों मामले वर्षो से लंबित रहने पर चिंता प्रकट की। उन्होंने यहां रविवार को एक समारोह में कहा कि देर से मिलने वाला न्याय, न्याय न मिलने के बराबर है। उत्तर प्रदेश की संगम नगरी स्थित एशिया के सबसे बड़े हाईकोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह का उद्घाटन करने के बाद प्रणब ने कहा कि अदालतों में जजों के रिक्त पद जल्द से जल्द भरे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए वैकल्पिक न्याय प्रणाली को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि छोटे मामले आपसी सुलह-समझौते से निपटा लिए जाएं तो अदालतों पर बोझ नहीं बढ़ेगा। राष्ट्रपति ने अधिवक्ताओं का आह्वान किया कि जनता को न्याय जल्दी दिलाने के लिए वे न्यायपीठ का सहयोग करें।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ

दिल्ली से सेना के विशेष विमान से इलाहाबाद पहुंचे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्वागत किया। समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर, राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश मथा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने डाक विभाग की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट पर बनाए गए दो डाक टिकट भी जारी किए। एक टिकट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और दूसरे पर इसकी लखनऊ पीठ का चित्र है। राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट पर 10 रुपये का सिक्का भी जारी किया। समारोह की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो के अलावा 45 जिलों की पुलिस फोर्स लगाई गई। परिसर के चारों ओर ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस निगरानी में रही। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस अधिकारी कंट्रोल रूम से पल-पल की जानकारी लेते रहे।

नेशनल

अरुणाचल प्रदेश में 28 असंतुष्ट नेताओं को बीजेपी ने पार्टी से किया बाहर

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ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने मंगलवार को 28 असंतुष्ट पार्टी नेताओं को निष्कासित कर दिया, जिन्होंने टिकट से इनकार किए जाने के बाद 19 अप्रैल को पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। राज्य भाजपा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, तार तारक की अध्यक्षता वाली भाजपा की राज्य अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने कहा कि नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

अब निष्कासित नेताओं ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल और स्वतंत्र उम्मीदवारों के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। एनपीपी का नेतृत्व मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने अरुणाचल की सभी विधानसभा सीटों पर 60 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 10 निर्विरोध चुने गए।

बिना किसी मुकाबले के जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन, तेची कासो, जिक्के ताको, न्यातो डुकम, मुच्चू मिथि और दासांगलू पुल समेत अन्य शामिल हैं। भाजपा शासित राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ पहले चरण में 19 अप्रैल को हुए थे। विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 जून को घोषित किए जाएंगे, जबकि लोकसभा के नतीजे 4 जून को आएंगे।

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