Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

महाराष्ट्र : शिवसेना प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली विकास समिति के खिलाफ

Published

on

Loading

मुंबई| महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की घटक शिवसेना ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस कथित प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है, जिसके तहत उन्होंने मुंबई के विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित करने का मन बनाया है। फडणवीस ने हालांकि इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि है कि मुंबई के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है। लेकिन शिवसेना का कहना है कि यह कदम काफी विवादास्पद हो सकता है।

शिवसेना ने मंगलवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, “मराठी लोगों को लगता है कि शहर के विकास के लिए अलग मशीनरी बनाने का प्रस्ताव, मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की एक चाल है। यह देखना बाकी है कि इस कदम के राजनीतिक परिणाम क्या होते हैं?”

सामना में फडणवीस के हवाले से लिखा गया है, “देश की प्रगति और विकास मुंबई की प्रगति के बिना संभव नहीं है। मुंबई के तेज विकास के लिए राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।”

शिवसेना ने फडणवीस के इरादों की सराहना की। लेकिन पार्टी ने आगाह किया है कि इस कदम से ऐसा एक संदेश गया है कि राज्य, मुंबई के विकास की अपनी जिम्मेदारी से भागने का प्रयास कर रहा है।

सामना के संपादकीय में कहा गया है, ‘अतीत में मुंबई को शंघाई, सिंगापुर, हांगकांग आदि में परिवर्तित करने की तमाम बातें हुई हैं। मुंबई केंद्रीय कोषागार में सलाना 1,75,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है, लेकिन यह एक भिखारी जैसा बने रहने पर मजबूर है।”

शिवसेना ने प्रस्ताव को लेकर फडणवीस को चेताते हुए कहा है कि यह प्रस्ताव विपक्षी दलों के लिए हथियार बन सकता है।

संपादकीय में प्रश्न उठाते हुए कहा गया है कि केवल मुंबई ही क्यों? देश में दिल्ली, पटना, लखनऊ, भोपाल और कोलकाता जैसे अन्य बड़े शहरों की ओर भी प्रधानमंत्री का ध्यान खींचने की जरूरत है।

शिवसेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “जब देश के अन्य शहर भी विकसित होंगे और प्रगति करेंगे, तो मुंबई पर दबाव कम होगा। मुंबई का विकास होना चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित कर लें कि इलाज, रोग से बुरा नहीं होना चाहिए।”

संपादकीय में कहा गया है, “राज्य की दूसरी राजधानी, नागपुर को विकास की जरूरत है, जो पूरे विदर्भ को लाभ पहुंचा सकता है। यहां तक कि मराठवाड़ा के विकास पर भी विचार किया जाना चाहिए। इन सब से महाराष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित होगी। लेकिन मुख्यमंत्री ने मुंबई का भाग्य दिल्ली के हाथों में सौंप दिया, हालांकि उनके इरादे नेक हैं।”

संपादकीय में कहा गया है, “संक्षेप में कहा जाए, तो मुख्यमंत्री बहुत जल्दी में हैं। हम इसके लिए उन्हें बधाई देते हैं।”

मुख्य समाचार

सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

Published

on

Loading

मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

Continue Reading

Trending