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मयप्पन की सट्टेबाजी में संलिप्तता अनधिकृत व्यापार : सर्वोच्च न्यायालय

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नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के निर्वासित चल रहे अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी में संलिप्तता होना अनधिकृत व्यापार के जैसा है। सर्वोच्च न्यायालय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में हुए स्पॉफ फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि भले ही मयप्पन ने अपने नाम से सट्टा नहीं लगाया, लेकिन उन्होंने सट्टेबाजों को सूचना पहुंचाई।

न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलिफुल्ला की पीठ को जब वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि मयप्पन को आईपीएल की टीम चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़ी हर जानकारी थी। इस पर न्यायालय ने कहा, “यह अनधिकृत व्यापार करने जैसा है। मयप्पन ने भले अपने नाम से सट्टा नहीं लगाया हो, लेकिन उन्होंने सट्टेबाजों तक सूचनाएं पहुंचाईं।” बिहार क्रिकेट संघ की तरफ से उपस्थित वकील साल्वे ने न्यायालय को बताया, “मयप्पन की चेन्नई सुपर किंग्स टीम के हर खिलाड़ी तक पहुंच थी और इस तरह उन्हें मैच में अपनाई जाने वाली हर रणनीति की जानकारी थी।”

साल्वे ने मयप्पन की गतिविधियों पर पर्दा डालने का आरोप लगाते हुए कहा, “सबसे अहम बात यह है कि मयप्पन सट्टेबाजी में संलिप्त था। और बीसीसीआई ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए काफी ऊंचे मानक बना रखे हैं।” साल्वे ने कहा, “लेकिन इसके बावजूद सट्टेबाजी जारी रही। इसलिए वास्तविक मुद्दा यह है कि बीसीसीआई और आईपीएल से जुड़े लोग पाक-साफ होने चाहिए और ऐसी चीजों से उन्हें दूर रहना चाहिए।” बीसीसीआई द्वारा मामले पर कार्रवाई करने की इजाजत मांगे जाने पर साल्वे ने कहा, “हितों के टकराव की स्थिति के कारण उन्होंने मामले पर निर्णय लेने की योग्यता खो दी है। अब वे कह रहे हैं कि मयप्पन को दंडित किया जाए, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स को छोड़ दिया जाए।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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