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मुख्य समाचार

50 हजार या ज्यादा की नकद निकासी पर टैक्स की सिफारिश

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New Currency withdrawalनई दिल्ली। डिजिटल भुगतान पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में 50,000 रुपये से अधिक नकद लेनदेन पर कर लगाए जाने की सिफारिश की है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली मुख्यमंत्रियों की समिति ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ढेरों सिफारिशें की हैं, जिनमें क्रेडिट कार्ड भुगतान पर बैंकों द्वारा लिए जाने वाले कर को हटाए जाने, आय के तय अनुपात में डिजिटल भुगतान करने वाले ग्राहकों को कर वापसी और स्मार्टफोन पर 1,000 रुपये की छूट दिए जाने की सिफारिशें शामिल हैं।

मुख्यमंत्रियों की इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “बड़े लेनदेन के मामले में नकदी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर बैंक द्वारा कर लगाया जाए। हर तरह के बड़े लेनदेन में नकदी के लेनदेन की अधिकतम सीमा तय की जाए।”

प्रधानमंत्री को अंतरिम रिपोर्ट सौंपने के बाद नायडू ने संवाददाता सम्मेलन कर रिपोर्ट की मुख्य बातें रखीं। रिपोर्ट में आधार कार्ड के इस्तेमाल पर खास जोर दिया गया है और कहा गया है कि बैंकों द्वारा केवाईसी फॉर्म में आधार कार्ड नंबर को प्राथमिक पहचान चिह्न बनाया जाना चाहिए और इस संबंध में मौजूदा आधार कानून का इस्तेमाल किया जा सकता है।

रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि डिजिटल भुगतान के मामले में भारत दूनिया में कितना पीछे है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां चीन में हर 10 लाख व्यक्तियों पर डिजिटल भुगतान के 16,602 जगहें हैं, मेक्सिको में 7,189, ब्राजील में 25,241 और सिंगापुर में 31,096 पे पाइंट हैं, वहीं भारत में हर 10 लाख लोगों पर सिर्फ 1,080 डिजिटल भुगतान के केंद्र हैं।

समिति द्वारा की गई सिफारिशों में व्यापारियों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संभावित करों में राहत देना तथा माइक्रो एटीएम के लिए करों में प्रोत्साहन देना भी शामिल है। समिति ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दिशा-निर्देशों में भी बदलाव की सिफारिश की है।

यह समिति बीते वर्ष नोटबंदी की घोषणा के बाद नवंबर में गठित की गई थी। समिति का उद्देश्य पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल लेनदेन प्रणाली को प्रोत्साहन देना, वित्तीय समावेशन और इस संबंध में एक रूपरेखा तैयार करना था।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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