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चुनाव आते ही फिर बनने लगा महागठबंधन, इस बार यह बड़ा नेता बना चेहरा!

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर महागठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। लेकिन इस बार इस महागठबंधन की पहल दक्षिण भारत से हुई है।

किसी समय बीजेपी के सहयोगी रहे तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने यह पहल की है। आपको बता दें कि नायडू अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।

इसी कड़ी में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को चेन्नई में डीएमके चीफ एमके स्टालिन से उनके घर जाकर मुलाकात की।

चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘डीएमके के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। हम कांग्रेस के साथ काम करना चाहते हैं। हम देश को बचाना चाहते हैं और राष्ट्रहित में काम करना चाहते हैं। नायडू ने कहा कि हमारे लिए देश और प्रजा महत्वपूर्ण है।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने मायावती, अखिलेश यादव से बातचीत की और सभी से मुलाकात की है। हम तय करेंगे कि आम सहमति के साथ गठबंधन कैसे आगे ले जाया जाए। यह शुरुआती कवायद है। इसके बाद हम मिलकर काम करेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस के आलोचक रहे नायडू महागठबंधन के लिए उसके साथ बातचीत करने के भी खिलाफ नहीं हैं।’

वहीं नायडू से मुलाकात के बाद स्टालिन भी नायडू का का समर्थन करते नजर आए। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए मेरा पूरा समर्थन रहेगा।

गौरतलब है कि स्टालिन से मुलाकात से पहले नायडू कर्नाटक के मुख्यमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से गुरुवार को मुलाकात की थी। अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले नायडू की यह पहल कितना रंग लाती है।

 

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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