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किराये पर घर दिलाने में ये 5 ऐप करेंगे आपकी मदद

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ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जो नौकरी या फिर पढ़ाई करने के लिए अपने घर से दूर रहते हैं। उन्हें वहां पर रहने के लिए किराए के घर की ज़रूरत होती है। और किराये का घर ढूढ़ना आज के समय में काफी मुश्किल काम होता है। लेकिन अब चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मैं आपको कुछ ऐसे ऐप्स से के बारे में बताता हूं जो आपको किराये का घर ढूढ़ने में मदद करेंगी।

आज ऐसी कई कंपनियां हैं, जिनके ऐप की मदद से आप रेंट पर घर आसानी से तलाश सकते हैं। अपना बजट, पसंद और नापसंद के आधार पर इनका चयन कर सकते हैं। बेहतर रेटिंग के आधार पर हम आपको उन ऐप के बारे में सुझा रहे हैं, जो ख़ासा लोकप्रिय हैं। लोगों का बिना समय बर्बाद किए, सुविधाजनक ढंग से घर की तलाश में मददगार हैं। आज बात ऐसे ही 5 App की, जो आपके लिए रेंट का घर ढूंढने में निभाएंगे ‘ब्रोकर’ की भूमिका, वह भी बिल्कुल मुफ्त।

99ACRES

यह लोकप्रिय प्रॉपर्टी पोर्टल 99एकर्स.कॉम का ऐप है। यहां यूज़र को मुफ्त में रेंट पर घर सुझाता है। बेहतर क्वालिटी की तस्वीरों, वीडियोज़ और मैप के माध्यम से यह यूज़र को घर दिखाता है। बड़ी मात्रा में यहां प्रॉपर्टीज़ दर्ज रहती हैं, जिससे यूज़र को विकल्प के मामले में कोई दिक्कत पेश नहीं आती। यहां आप लैंडलॉर्ड से सीधे बात कर सकते हैं, कॉन्टैक्ट नंबर पा सकते हैं। साथ ही टेक्स्ट और ई-मेल की सुविधा भी यहां रहती है।

MAGICBRICKS

मैजिकब्रिक्स ऐप में जीपीएस सुविधा है, जिसके ज़रिए आप लोकेशन के हिसाब से घर का चुनाव कर सकते हैं। इसका आसान इंटरफेस यूज़र को सीधे हाउस ऑनर से जोड़ने में मददगार है। यहां बिक्रेता, खरीदार और रेंट पर देने वालों की लंबी कतार है। यहां बेहतर प्रॉपर्टी के लिए आप अलर्ट भी सेट कर सकते हैं, जिससे समय पर आपको मन मर्ज़ी का घर मिल सके।

OLX

यूज़्ड सामान खरीदने और बेचने के लिए लोकप्रिय ऐप ओएलएक्स भी रेंट पर घर दिलाने में मददगार है। यहां जीपीएस की मदद से आप जिस इलाके में घर चाहते हैं, उसके विकल्प दिखाए जाते हैं। कॉन्टैक्ट नंबर से लेकर घर की सारी जानकारी और तस्वीरें यहां उपलब्ध रहती हैं। यूज़र को इसमें लॉग-इन कर किराए का बेहतर घर मिल सकता है।

NESTAWAY

विज्ञापनों में आपने नेस्टअवे के बारे में शायद सुना हो। यह ऐप फुल फर्निश्ड घर रेंट पर मुहैया करवाता है। प्रॉपर्टी शॉर्टलिस्ट करने के बाद आपको विज़िट करने के लिए कहा जाता है। यहां रेंटल एग्रीमेंट आदि भी ऐप से ही ऐप्लाई हो जाते हैं। अपनी मनपसंद लोकेशन पर ज़रूरी प्राथमिकताओं के साथ आप नेस्टअवे को भी अपना सकते हैं।

FLATCHAT

फ्लैटचैट ऐप दिल्ली, बेंगलोर, मुंबई, पुणे, हैदराबाद और चेन्नै जैसे शहरों में सक्रिय है। यहां साइन-अप कर रेंट के साथ-साथ फ्लैटमेट भी आप चुन पाएंगे। बजट और लोकेशन के लिहाज़ से यह आपको ढेरों विकल्प बताता है। बाद में अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से आप घर चुन सकते हैं व ज़रूरी औपचारिकताओं के बाद रहना शुरू कर सकते हैं।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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