Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कश्मीर में वापसी को लेकर बंटा पंडित समुदाय

Published

on

kashmiri pandit

Loading

शेख कयूम

जम्मू। कश्मीर घाटी में निर्वासित पंडितों की वापसी को लेकर राजनेता संभावित रास्तों पर चर्चा कर रहे हैं, जबकि इस मुद्दे पर समुदाय दो गुटों में बंट गया है।

ऑल इंडिया कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एच.एन. जत्तू (81) को लगता है कि 1989 में अलगाववादी हिंसा के बाद हजारों की संख्या में पंडितों के घाटी छोड़ने के बाद यहां वापस लौटने का सही समय नहीं है। जत्तू ने बताया कि कश्मीर में मौजूदा राजनीतिक परिवेश पंडित समुदाय की वापसी के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “25 सालों के बाद हमारा लौटना मजाक नहीं है। यह समुदाय के लिए एक बार फिर पीड़ादायक होगा, क्योंकि आज हम जहां रह रहे हैं, वहां हमने अपनी कमाई की पाई-पाई लगाई है।”

जत्तू ने कहा कि जब तक कि भारतीय संविधान की धारा 370 को निरस्त नहीं किया जाता और संसद द्वारा पारित कानूनों के सीधे राज्य में लागू नहीं किया जाता, तब तक पंडितों की वापसी एक राजनीतिक हथकंडा रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह सुनिश्चित करने दें कि कश्मीर वास्तव में भारत का अंग बन गया है और हम अपने पूर्वजों की भूमि पर लौटेंगे।

पंडितों की पुरानी और युवा पीढ़ियों के विचारों में गंभीर मतभेद हैं कि क्या घाटी में लौटा जाए या नहीं। एसबीआई के सेवानिवृत्त अधिकारी जी.एल. दफ्तरी (67) के मुताबिक, “मेरी पत्नी और मेरे लिए यह पुराने संस्मरण हैं। इसकी जड़ें, इसकी यादें, विश्वास और सबकुछ। दफ्तरी ने बताया, “लेकिन दिल्ली की एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे मेरे बेटे के लिए इस बारे में सोचने के लिए समय ही कहां हैं?” “मैं लौटना चाहता हूं, लेकिन मेरे बेटे और बेटी को सुरक्षा और राजनीतिक निश्चितता के अलावा आर्थिक गारंटी भी चाहिए।”

1990 दशक की शुरुआत में पंडितों की भलाई के लिए समूहों और मंचों की स्थापना करने वाले कश्मीरी समुदाय के सदस्यों के लिए राजनीतिक दावे भावनात्मक मुद्दों के ऊपर हावी हो गए हैं। पणुम कश्मीर के महासचिव कुलदीप रैना ने संयुक्त बस्ती और 1990 से पहले निर्वासित पंडितों के स्थानों पर उनके लौटने के विचार को खारिज कर दिया है। रैना ने बताया, “धारा 370 को निरस्त करना चाहिए। भारतीय संविधान में विश्वास करने वाले किसी भी व्यक्ति को केंद्र शासित प्रदेश में रहने की अनुमति मिलनी चाहिए।” हालांकि जत्तू, दफ्तरी और रैना जैसे बुजुर्ग कश्मीरी घाटी में लौटने की इच्छा लिए हुए हैं, जबकि युवा पंडित इससे इत्तेफाक नहीं रखते।

बेंगलुरू की एक आईटी कंपनी में कार्यरत युवा आईटी कश्मीरी पंडित पेशेवर के मुताबिक, “आप किस वापसी की बात कर रहे हो? मैं महीने में लगभग दो लाख रुपये कमाता हूं। आप मुझे अपना करियर छोड़कर इस संस्कृति से जोड़ना चाहते हैं।” कश्मीरी अलगाववादियों का कहना है कि वे कश्मीर घाटी में पंडितों के लौटने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनके लिए अलग से बस्ती नहीं बननी चाहिए।

नेशनल

लोकसभा चुनाव : दूसरे चरण की 88 सीटों पर वोटिंग जारी, पीएम मोदी ने की रिकार्ड मतदान की अपील

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत आज 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान हो रहा है। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रिकॉर्ड मतदान की अपील की है। । उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में आज दूसरे चरण की सभी सीटों के मतदाताओं से मेरा विनम्र अनुरोध है कि वे रिकॉर्ड संख्या में मतदान करें। जितना अधिक मतदान होगा, उतना ही मजबूत हमारा लोकतंत्र होगा। अपने युवा वोटर्स के साथ ही देश की नारीशक्ति से मेरा यह विशेष आग्रह है कि वोट डालने के लिए वे बढ़-चढ़कर आगे आएं। आपका वोट आपकी आवाज है।

आज जिन 88 सीटों पर वोटिंग हो रही है उनमें केरल की सभी 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की आठ-आठ सीट, मध्य प्रदेश की छह, असम और बिहार की पांच-पांच, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तीन-तीन और जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा की एक-एक सीट शामिल है।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 9 बजे तक बिहार में 9.65 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 15.42 प्रतिशत, जम्मू में 10.39 प्रतिशत, कर्नाटक में 9.21 प्रतिशत, केरल में 11.90 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 13.82 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 7.45 प्रतिशत, राजस्थान में 11.77 प्रतिशत, यूपी में 11.67 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 15.68 प्रतिशत मतदान हुआ।

आज दूसरे चरण के मतदान में कई दिग्गजों की राजनीतिक किस्मत दांव पर है। इनमें राहुल गांधी (कांग्रेस)- वायनाड, शशि थरूर (कांग्रेस) – तिरुवनंतपुरम, एचडी कुमारस्वामी (जेडीएस)- मांड्या, हेमा मालिनी (बीजेपी)- मथुरा,अरुण गोविल (बीजेपी)-मेरठ, ओम बिरला (भाजपा) -कोटा, भूपेश बघेल (कांग्रेस)-राजनांदगांव जैसे दिग्गज शामिल हैं।

Continue Reading

Trending