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अन्तर्राष्ट्रीय

इस महिला से पूरी दुनिया में फैल गया कोरोना वायरस, रिपोर्ट में हुआ खुलासा!

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प्रतीकात्मक फोटो

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नई दिल्ली। चीन के वुहान  से जन्म लिया कोरोना वायरस अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। इस वायरस से दुनियाभर के लगभग 6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 28 हजार लोगों की जान भी जा चुकी है। तेजी से फैल रहे हैं इस वायरस ने पूरी दुनिया के नाक में दम कर रखा है। ऐसे में लोगों के मन में सबसे पहला सवाल ये आता होगा कि इस वायरस से संक्रमित पहला शख्स आखिर कौन होगा? आज हम आपके लिए इस सवाल का जवाब ढूंढ लाए हैं।

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कोरोना वायरस के बारे कहा जाता है कि यह वुहान के सी फूड मार्केट से फैला। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया में लीक हुए चीन के कुछ दस्तावेज से पता चलता है कि वुहान के सी फूड मार्केट में सबसे पहले वेई नाम की महिला कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव आई थीं। महिला चीन के मार्केट में जिंदा shrimps बेचा करती थीं।

वेई नाम की महिला सी फूड मार्केट से 500 मीटर की दूरी पर ही एक किराए के मकान में रहती थीं। चीन के द पेपर से बातचीत करते हुए महिला ने बताया था कि 11 दिसंबर को उन्हें बुखार हो गया था।

वेई को लगा था कि उन्हें सीजनल फ्लू है और वह एक छोटे से क्लिनिक में गई थीं। लेकिन इंजेक्शन लगाने के बाद भी उसे राहत नहीं मिली। लेकिन वह मार्केट में सामान बेचती रहीं। पांच दिनों के बाद हालत खराब होने पर वह एक बड़े अस्पताल में गई थीं।

चीनी मीडिया द पेपर ने वेई के बारे में अधिक पर्सनल जानकारी नहीं दी है। लेकिन वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, महिला 57 साल की थी और उनका पूरा नाम वेई गुइजियान था।

वेई ने कहा- मुझे थकावट हो रही थी, लेकिन यह पिछले साल की तरह नहीं था। हर सर्दियों में मुझे फ्लू हो जाता है, इसलिए मुझे लगा कि फ्लू ही है। चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने कहा था कि सी फूड मार्केट में बेचे जाने वाले जानवर से ही इंसानों में कोरोना वायरस आया।

वेई ने बताया कि वह बीमार पड़ने के बाद भी मार्केट में बिक्री के लिए जाती थीं। ऐसा समझा जाता है कि इस दौरान काफी लोग महिला के संपर्क में आए होंगे। बाद में वह एलेवेंथ हॉस्पिटल ऑफ वुहान में गई थीं। लेकिन डॉक्टर पता नहीं कर सकें कि वेई को क्या दिक्कत है। महिला दोबारा छोटे क्लिनिक में गईं। इसके बाद 16 दिसंबर को वहां के बड़े अस्पताल वुहान यूनियन हॉस्पिटल में गईं। वहां पर डॉक्टरों ने बताया कि कई और मरीजों को भी ऐसी ही दिक्कत हो रही है।

कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद चीन सरकार ने वुहान के सी फूड मार्केट को बंद कर दिया था। वहीं, कोरोना वायरस के पेशेंट जीरो (किसी बीमारी का पहला मरीज) के बारे में अब तक रहस्य बना हुआ है। चीन ने आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस के पेशेंट जीरो के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। पहली बार कोरोना वायरस कब पकड़ में आया, इस बात को लेकर भी मीडिया में लीक हुए दस्तावेज और चीन सरकार के दावे में अंतर है।

कोरोना वायरस मरीज जहां वेई थी। वहीं, चीन में कोरोना वायरस के पहले मरीज के रूप में एक 70 साल से अधिक उम्र के एक व्यक्ति का जिक्र आता है। बीबीसी ने डॉक्टरों के हवाले से बताया था कि उस शख्स में कुछ लक्षण 1 दिसंबर को ही दिखने लगे थे और उसका संबंध सी फूड मार्केट से नहीं था।

वहीं, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने सरकारी दस्तावेजों के आधार पर कहा था कि कोरोना वायरस का पहला केस 17 नवंबर को ही सामने आ गया था। लेकिन चीनी अधिकारियों ने कहा था कि कोरोना का पहला मरीज 7 दिबंसर को बीमार पड़ा था।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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