Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लोकसभा चुनावः ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गलत समय पर हुआ तारीखों का एलान, जानिए किस पार्टी पर पड़ेगा बुरा असर!

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव की घोषणा रविवार को चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि 11 अप्रैल से देशभर में आम चुनाव शुरु हो जाएंगे।

 

उन्होंने बताया कि पूरे देश में आम चुनाव 7 चरणों में होंगे। आयोग ने रविवार शाम 5 बजकर 29 मिनट से तारीखों का ऐलान शुरू किया। इस समय पर चुनाव की तारीखों के एलान पर ज्योतिष क्या कहते हैं आईए जानते हैं।

 

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जिस समय लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई उस समय क्षितिज पर सिंह राशि उदित थी। चंद्रमा मेष राशि में विद्यमान था। दक्षिण भारत में विेशेष मान्य राहु काल भी बना हुआ था।

 

यह इस बात का संकेत है कि आगामी लोकसभा चुनाव कई अरोप-प्रत्यारोप और आशंकाओं से ग्रस्त रहने वाला है। तारीखों के ऐलान से चुनाव प्रक्रिया और परिणाम के आकलन का प्रयास कर रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा।

 

लग्न राशि सिंह स्थिर स्वभाव रखती है। स्वामी सूर्य है। लग्नचक्र में यह वर्गात्तम है। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रशासन चुनाव प्रक्रिया पर हावी रहने वाला है।

 

इससे शासन-प्रशासन के सहयोगियों को राहत होगी। विरोधी को संघर्ष करना होगा। अतः चुनाव में व्यवधान की सोच रखने वाले शांत रहें, यही उनके लिए अच्छा है। हालांकि, राहुकाल और अग्नितत्व राशियों के प्रभाव से कई प्रक्रियागत व्यवधान आना तय है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा के अनुसार, घोषणा के दौरान चंद्रमा का केतु के नक्षत्र अश्विनी में संचरण था। इसका प्रभाव यह होगा कि चुनाव पर जन भावनाओं का गहरा प्रभाव रहेगा। जो भी दल और गठबंधन सत्ता में आएगा अच्छा बहुमत लेकर आएगा।

 

लग्न चक्र में चंद्रमा का भाग्य स्थान में होना जताता है कि आस्था और विश्वास की प्रबलता मतदान पर हावी रहेगी. मतदान दल विभिन्न अवरोधों के बावजूद अपेक्षित परिणाम पाएंगे। वोटिंग परसेंटेज उम्मीद से अच्छा रहेगा. पहले की तुलना में बड़ी संख्या में मतदाता चुनाव करने गृह क्षेत्र पहुंचेंगे।

चुनाव में जातिवाद धर्म सम्प्रदाय, समुदाय और आपसी भरोसे का गहरा प्रभाव रहेगा। राष्ट्रवाद क्षेत्रवाद की प्रमुखता कमतर ही रहेगी। व्यक्तिवाद चुनाव परिणामों को खासा प्रभावित करेगा। अर्थात स्थापित पुराने चेहरों में अधिकतर जीत दर्ज कर सकते हैं।

सत्ता पक्ष के लिए चुनाव तारीखों की घोषणा का समय सकारात्मकता बढ़ाने वाला है। सत्ता और चुनाव आयोग दोनों के विरोधियों को उभरने से पहले ही अप्रभावी कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग साख सम्मान बढ़ाने में सफल होगा।

राहुकाल प्रमुखतः दक्षिण भारत में विचारा जाता है। इस दौरान यात्रा से विशेषतः बचा जाता है। चुनाव तारीखों की घोषणा का समय पूर्व निर्धारित था। ऐसे में राहुकाल का दोष कम हो जाता है। इसके बावजूद मतदान प्रक्रिया के दौरान अप्रत्याशित अड़चनों के आने की आशंका प्रबल नजर आती है।

लग्न कुंडली के अन्य पक्षों के अनुसार दलों में अंतर्विरोध यानी भीतरघात कम ही नजर आएगा। अधिकतर कार्यकर्ता पार्टी प्रत्याशी के साथ खड़े रहेंगे। राज्य स्तरीय दल गठबंधन की राजनीति से बलवान होंगे।

शनि-केतु विद्या-बुद्धि के भाव में होने से उसे कमजोर कर रहे हैं। तार्किकता की अपेक्षा अफवाहों का हावी होना अक्सर बना रहेगा। ऐसे में जनता के मूड को समझना किसी भी सर्वे और चुनावी विश्लेषक के लिए दुष्कर होगा। चुनाव परिणाम निश्चित रूप से अप्रत्याशित होंगे।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending