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Union Budget 2019 देखें LIVE : हम ने ‘कमरतोड़’ महंगाई की ‘कमर तोड़’ दी- पीयूष गोयल

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वित्त मंत्री पीयूष गोयल केंद्र सरकार का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। यह एक अंतरिम बजट है। अरुण जेटली की तबीयत खराब होने की वजह से पीयूष गोयल बजट पेश कर रहे हैं।

बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि साढ़े चार सालों में बीजेपी ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई है। मोदी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ दी हैं।

Union Budget 2019 के प्रमुख बिंदु –

– देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों का है। हमारी सरकार में RERA और बेनामी संपत्ति कानून से पारदर्शिता आई।

– 2013-14 में 92000 करोड़ रुपये फूड सब्सिडी थी जिसे पिछले साल हमारी सरकार ने बढ़ाकर दोगुना यानी 1,70,000 करोड़ किया।

– हम जीएसटी लेकर आए साथ ही दूसरे टैक्सों में भी संबंधित सुधार किए. भारत में विदेशी निवेश भी बढ़ा।

– सरकारी बैंकों में 2.6 लाख करोड़ पूंजी डाली गई।

– भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है। सरकार ने कई बड़े आर्थिक सुधार किए न्यू इंडिया के लिए कई योजनाएं शुरू की।

– हमारी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर इच्छाशक्ति दिखाई, आर्थिक भगोड़ों के लिए कानून लाए, भगोड़ों की संपत्तियां सरकार के कब्जे में है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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