Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

IANS News

मधुमेह से आंखों में ‘डायबिटिक रेटिनोपैथी’ बीमारी का खतरा

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| मधुमेह से हृदय और लीवर को कितना नुकसान पहुंचता है इससे तो सभी भलीभांति वाकिफ हैं लेकिन बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि मधुमेह से हमारी आंखों को भी भारी क्षति पहुंचती है। मधुमेह की वजह से आंखों में ‘डायबिटिक रेटिनोपैथी’ बीमारी हो सकती है, जिससे अगर आंखों की दृष्टि चली जाए तो उसे वापस नहीं लाया जा सकता है। सेव साइट सेंटर के निदेशक व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव जैन ने कहा, “डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुआत होने पर इसका पता नहीं चलता। इसके शुरुआती चरण के दौरान रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं और यह छोटे बुल्गेस को विकसित करती है। इस बीमारी में रक्त में शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है, जो आंखों सहित पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।”

उन्होंने कहा, “रक्त में मधुमेह अधिक बढ़ने से रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है जिसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है। इस बीमारी से रेटिना के ऊतकों में सूजन हो सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली होती है। जिस व्यक्ति को लंबे समय से मधुमेह होता है, उसको डायबिटिक रेटिनोपैथी होने की संभावना उतनी ही अधिक हो जाती है। इसका इलाज नहीं कराने पर यह अंधेपन का कारण बन सकती है।”

डॉ. राजीव जैन ने डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षणों और बचाव के बारे में बताया, “आंखों का बार-बार संक्रमित होना, चश्मे के नंबर में बार-बार परिवर्तन होना, सुबह उठने के बाद कम दिखाई देना, सिर में हमेशा दर्द रहना, आंखों की रोशनी अचानक कम हो जाना, रंग को पहचानने में कठिनाई इसके प्रमुख लक्षण हैं।”

उन्होंने कहा, “इस बीमारी से बचाव के लिए मधुमेह का पता लगते ही ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ने से रोकें। इसके लिए डॉक्टर के बताए नुस्खों का पालन करें और दवाएं लेते रहें। इसके अलावा डायबिटीज होने पर आपको साल में एक-दो बार आंखों की जांच करानी चाहिए जिससे आंखों पर अगर किसी तरह का प्रभाव शुरू हो जाए, तो उसका समय पर इलाज किया जा सके।”

डायबिटिक रेटिनोपैथी के इलाज पर डॉ. राजीव ने कहा, “समस्या से निजात पाने के लिए लेजर से उपचार किया जाता है। इस उपचार विधि के दौरान रेटिना के पीछे की नई रक्त वाहिकाओं के विकास के इलाज के लिए और आंखों में रक्त और द्रव के रिसाव को रोकने के लिए किया जाता है।”

उन्होंने कहा, “इलाज के दूसरे तरीके में आंखों में इंफ्लामेशन को कम करने या आंखों के पीछे नई रक्त वाहिकाओं को बनने से रोकने के लिए आंखों में ल्यूसेंटिस, अवास्टिन जैसे इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इंजेक्शन आम तौर पर एक महीने में एक बार लगाया जाता है और जब दृष्टि स्थिर हो जाती है, तो इंजेक्शन लगाना बंद कर दिया जाता है। लेजर और इंजेक्शन प्रक्रिया से इलाज संभव नहीं होता है तो व्रिटेक्टॅमी नामक सर्जरी से इलाज किया जाता है।”

 

Continue Reading

IANS News

टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

Published

on

Loading

 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

Continue Reading

Trending