आध्यात्म
क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी? जानिए कंस से कृष्ण तक की पूरी कहानी
मथुरा। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भद्र मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन रात 12 बजे हुआ था। कृष्ण विष्णु के 8वें अवतार हैं जिन्होंने द्वापर युग में जन्म लिया, ताकि वो लोगों को अपने मामा कंस द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों से बचा सकें। चूंकि भगवान विष्णु सीधे इस धरती पर अवतरित हुए और यह उनका भौतिक अवतार था इसलिए उस दिन को कृष्णाष्टमी या जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।
द्वापर युग की मान्यताओं के अनुसार मथुरा राज्य में एक कंस नामक राजा हुआ करता था। जिसने सत्ता की लालच में अपने पिता तक को कारागृह में बंद करवा दिया था और उन्हें यातनाएं देने लगा था। धीरे-धीरे उसकी यातनाएं इस कदर बढ़ गई कि उसकी अपनी बहन देवकी की शादी के दिन आकाशवाणी हुई कि देवकी की आंठवी संतान ही उसका वध करेगी।
इसे सुनकर स्वयं को ईश्वर मानने वाले क्रूर शासक कंस आग बबूला हो गया और अपनी लाडली बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को मारने के लिए शस्त्र उठा लिया। उसे रोकते हुए देवकी ने वचन दिया कि जैसे ही उनकी संतान का जन्म होगा, कंस उसे मार सकता है।
ऐसा करते करते कंस ने देवकी की 6 संतानों को मार दिया। तभी सारे देवताओं ने मिलकर योजना बनाई और बिना कंस को पता चले देवकी की सातवीं संतान को नंद की दूसरी पत्नी रोहिणी के गर्भाशय में स्थापित कर दिया। इस सातवीं संतान ने ही बलराम के रूप में जन्म लिया।
आकाशवाणी के कहे अनुसार आठवीं संतान के जन्म के समय एक-एक कर सारे पहरेदार सो गए और कारागृह के सारे दरवाज़े भी खुल गए। नन्द ने श्रीकृष्ण को अपने सिर पर उठाया और गोकुल में रह रहे नन्द महाराज के घर की ओर प्रस्थान किया। उन्होंने नन्द के घर जन्मी बेटी को श्रीकृष्ण से बदल दिया।
जब कंस वध करने पंहुचा तो उस बच्ची के रूप में जन्मी देवी योग माया ने उसे इस सत्य से अवगत कराया कि उसके काल का जन्म हो चुका है। ये सब सुनकर कंस ने मथुरा में जन्में सारे बच्चों को मरवाने का हुक्म दे दिया। तरह-तरह के मायावी राक्षसों की मदद भी ली मगर सफल न हो सका।
कृष्ण जी ने बड़े होने के पश्चात मल्ल युद्ध में कंस का वध कर दिया और मथुरावासियों को उसके अत्याचारों से मुक्त कराया।
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
-
ऑटोमोबाइल5 hours ago
इन आसान उपायों से आप आसानी से बढ़ा सकते हैं अपनी बाइक का माइलेज
-
अन्तर्राष्ट्रीय1 day ago
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
-
नेशनल1 day ago
BJP में शामिल हुए मनीष कश्यप, कहा- बिहार को मजबूत करूंगा
-
नेशनल1 day ago
गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद
-
नेशनल1 day ago
अखिलेश यादव ने कन्नौज से दाखिल किया नामांकन, सुब्रत पाठक से होगी टक्कर
-
नेशनल1 day ago
यू ट्यूबर मनीष कश्यप आज बीजेपी में होंगे शामिल, मनोज तिवारी के साथ दिल्ली गए
-
नेशनल1 day ago
राजस्थान के जैसलमेर में वायुसेना का टोही विमान क्रैश, जानमाल का नुकसान नहीं
-
नेशनल11 hours ago
असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी को बताया शहीद, बोले- उन्हें जहर देकर मारा गया