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आध्यात्म

SHOCKING : अगर आपको सपने में दिखें ये चीजें तो कभी किसी को न बताएं वरना…….

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हर इंसान सोते समय सपने जरूर देखता हैं। वो सपने कभी अच्छे और कभी बुरे होते हैं। सपने में दिखे हुए हर चीज का कोई न कोई मतलब जरूर होता है, जो आने वाले समय में हमें पता चलता है।

ऐसा माना जाता है कि अच्छे सपने दूसरों को बताने पर इसका परिणाम उल्टा भी हो सकता है। आज हम आपको 3 ऐसे सपने के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आपको कभी किसी से नही बताना चाहिए, तो आइये जानते हैं।

  1. सपने में यदि आपने सुंदर स्त्री की नाभि देखे हैं तो इसका जिक्र बिल्कुल भी किसी से न करें। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह लक्ष्मी का संकेत है और आपको अपार धन की प्राप्ति भी हो सकती है। इसलिए कभी भी इस सपने का जिक्र किसी से न करें।
  2. यदि आप अपने सपने में किसी की शादी होते देख रहे हैं तो यह काफी शुभ माना जाता है और इस तरह के सपने कभी किसी से शेयर नही करना चाहिए जब तक कि कोई शुभ समाचार न मिल जाये।
  3. सपने में यदि आपने सांप देखा है तो भूलकर भी इसका जिक्र किसी से न करें क्योंकि सपने में सांप का दिखना शुभ नही माना जाता और इसका जिक्र कर देने से परिणाम काफी बुरा हो सकता है।

ये 3 चीजें जिसे यदि आप सपने में देखते हैं तो कभी भी भूलकर भी किसी को न बताएं अन्यथा परिणाम काफी बुरा हो सकता है।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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