Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

अंतिम संस्कार के 6 साल बाद मां-बाप के सामने आकर खड़ा हो गया बेटा, गांव वाले भी रह गए हैरान!

Published

on

अंतिम संस्कार

Loading

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र से एक आश्चर्यचकित करने वाला मामला सामने आया है। जहां 6 साल पहले मर चुका एक नाबालिक वापस लौट आया। जानकर आपको हैरानी हो रही होगी लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि बच्चे के परिजनों ने पूरे विधि विधान से बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया था। लेकिन 6 साल बाद वापस लौटे बच्चे को देखकर परिवार समेत पूरे गांव वाले भौचक्के रह गए। कहानी बेशक फिल्मी लग रही होगी लेकिन सच तो यही है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

पूरा मामला सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के बागेसोती गांव का है जहां छह साल बाद रामनंदन का पुत्र बबलू वापस लौट आया। यह चमत्कार पुलिस के ऑपरेशन मुस्कान के तहत हुआ। सोमवार को जैसे ही लोगों को बबलू के वापस लौटने की खबर मिली लोगों का उसके घर के बाहर तांता लग गया। गांव के लोग बबलू को हैरानी भरी निगाहों से देख रहे थे साथ ही मन में यह सवाल भी कर रहे थे कि छह साल पहले परिजनों ने जिसका अंतिम संस्कार किया था वह कौन था।

कोन थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बागेसोती के सिंगा गांव का बबलू पुत्र रामनंदन 2012 में झारखंड के डाल्टेनगंज से गुम हो गया था। उस समय बबलू की उम्र करीब 12 वर्ष थी। उसके गायब होने की गुमशुदगा भी उसी समय डाल्टेनगंज में दर्ज हुई थी। लोगों की मानें तो गायब होने के कुछ समय बाद डाल्टनगंज में एक नाबालिक का शव बरामद हुआ था। जिसके बाद स्थानीय पुलिस रामनंदन को शिनाख्त के लिए बुलाया था।

उस समय रामनंदन ने शव की शिनाख्त अपने बेटे बबलू के रूप में की थी। बाद में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले में नया मोड़ तब आया जब कोन थाना को सूचना मिली कि क्षेत्र का एक युवक उड़ीसा में है। बाद में पुलिस ने संपर्क स्थापित करके युवक को बुलाया और पुन: उसके मां-बाप से शिनाख्त कराई तो रामनंदन ने युवक को अपना खोया हुआ बेटा बबलू बताया। पुलिस ने इसी आधार पर बबलू की सुपुर्दगी रामनंदन को दे दी।

महज छह साल की उम्र में जो बच्चा गायब हुआ था उसे बरामद करने के लिए पुलिस ने उड़ीसा के कटक थाने, वहां के स्थानीय लोगों व यहां के परिजनों से संपर्क किया। पहले जब यह पता चला कि एक दुकान पर काम करने वाला बच्चा यूपी के सोनभद्र जिले का है तो उससे बात करने की कोशिश की गई। लेकिन बबलू उड़िया भाषा में बोल रहा था। इससे कुछ समझ में नहीं आया। बाद में पुलिस ने परिजनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बच्चे की तस्वीर दिखा गई। बात भी करायी गई। इस आधार पर बच्चे को वहां से लाकर परिजनों को सौंपा।

प्रादेशिक

राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

Published

on

Loading

दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

Continue Reading

Trending