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कानपुर विश्वविद्यालय में दलितों-पिछड़ों के लिए ‘नो वेकैंसी’

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के द्वारा संविधान में प्रदत्त समाज के वंचित दलितों पिछड़ों को आरक्षण दिया गया है। लेकिन उसकी धज़्ज़ियाँ उड़ा रही हैं कुलपति और रजिस्ट्रार। हाल ही में कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफ़ेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की वेकैंसी आई है। देश के कई अखबारों में ये विज्ञापन देखा जा सकता है। इसमें सभी पदों पर गैर आरक्षित पदों का जिक्र है। जबकि वर्ष 2016 में इन्ही पदों पर आरक्षित श्रेणी के पदों के लिए वेकैंसी निकाली गई थी। किसी कारण वश उस समय यह भर्तियां नहीं हो पाई थी।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में निकली वेकैंसी का विज्ञापन

सूबे का निज़ाम बदला। कुलपति एवम रजिस्ट्रार भी बदल गए। कुलपति बदलते ही संघ की मानसिकता उजागर हो गई। पिछले विज्ञापन को खारिज़ करते हुए नया विज्ञापन जारी कर दिया गया। जिसे देखकर लगता है समाज के वंचित दलितों-पिछड़ों को प्रोफेसर बनने का हक छीना जा रहा है। मौजूदा कुलपति और रजिस्ट्रार “संघी ” मानसिकता के हैं। जो एक खास एजेंडे पर काम कर रहे हैं। क्या वो आरक्षित वर्ग के बेरोज़गारों को बताएंगे कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे हैं। आरक्षित श्रेणी के पद क्यों नहीं निकाले?

परसों ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने दलितों-पिछड़ों का आवाहन किया है कि भीख मांगने से अधिकार नहीं मिलता। जो आपको अधिकार न दे उसे थप्पड़ मार कर छीन लो। आखिर भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह जी को ऐसा बयान क्यों देना पड़ा? बयान से उनकी पीड़ा भी साफ दिख रही है।

इससे प्रतीत हो रहा है कि अब उनको भी लग रहा है कि आरक्षित वर्ग के बहुजन समाज के लोगों का हक हकूक छीना जा रहा है। देश की तमाम बड़ी—बड़ी कुर्सियों पर खास तबके के लोगों को बैठाया जा रहा है। अब न जागे तो देर हो जाएगी।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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