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राकांपा के रामराजे महाराष्ट्र विधानपरिषद के अध्यक्ष निर्वाचित

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मुंबई | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता रामराजे निम्बालकर को शुक्रवार को निर्विरोध महाराष्ट्र विधानपरिषद का अध्यक्ष चुन लिया गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के विधानपार्षदों ने विधानपरिषद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव का बहिष्कार किया था।

भाजपा के एकनाथ खडसे और शिवसेना नेता रामदास कदम ने संयुक्त रूप से एक बयान जारी कर विधानपरिषद के अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। इससे निम्बाल्कर के निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। खडसे ने राज्य विधानमंडल के पास संवाददाताओं से कहा था, “हम इस मुद्दे पर एकजुट हैं। इस मामले पर न तो कांग्रेस का समर्थन करने का सवाल है और ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का। इसलिए हमने चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।” कांग्रेस नेता शिवाजीराव देशमुख को विधानपरिषद के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद इस पद के लिए चुनाव जरूरी हो गया था। उन्हें 16 मार्च को एक अविश्वास प्रस्ताव पारित कर पद से हटा दिया गया था। वह 11 साल से इस पद पर थे।

एनसीपी के पास सदन में सबसे ज्यादा 28 सदस्य हैं। इसके बाद कांग्रेस के पास 21, भाजपा के पास 12 और शिवसेना के पास सात सदस्य हैं। बाकी कुछ सीटें अन्य पार्टियों के पास हैं। देशमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा ने विपक्षी पार्टी राकांपा का साथ दिया था। कांग्रेस ने देशमुख को अपदस्थ करने के लिए भाजपा और राकांपा के बीच ‘साठगांठ’ होने का आरोप लगाया गया था।

निम्बाल्कर सतारा जिले में स्थित फलटन के शाही परिवार से आते हैं, जिसका छत्रपति शिवाजी के वंशजों के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है। उन्हें राकांपा प्रमुख शरद पवार का करीबी माना जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने निम्बालकर की जीत का स्वागत किया और विधायक तथा मंत्री के रूप में उनके पूर्व के कार्यो की सराहना की।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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