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काला धन विधेयक लोकसभा में पेश होने की संभावना

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नई दिल्ली। कालाधन रोधी विधेयक को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को लोकसभा के पटल पर रखे जाने की संभावना है। इस विधेयक में एक छोटी अवधि का राहत दिए जाने का प्रावधान है, जिसमें आयकरदाता यहां आकर विदेशों में जमा धन व संपत्ति की जानकारी देने के साथ ही टैक्स व जुर्माना चुकाकर जेल जाने से बच सकेंगे। यहां पर वित्तमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि अघोषित विदेशी आय व संपत्ति (नया कर) विधेयक 2015 शुक्रवार को लोकसभा के पटल पर रखा जाएगा।”

उसके बाद विधेयक को सदन द्वारा पारित होने के पहले जांच के लिए संसद की प्रवर समिति के पास भेजा जा सकता है। इस विधेयक में विदेशी संपत्ति से संबंधित कर की चोरी करने वालों को अधिकतम 10 वर्ष के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है। इसके प्रावधानों के तहत विदेशी आय व संपत्तियों को छिपाना समझौते के अयोग्य होगा और उल्लंघन करने वालों को विवाद को सुलझाने के लिए समझौता आयोग जाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही छिपाई गई आय या संपत्ति पर लगने वाले कर का 300 फीसदी की दर से जुर्माना भी देय होगा।

नए कानून के मुताबिक, किसी भी अघोषित विदेशी संपत्ति या विदेशी संपत्ति से अघोषित आय पर कर अधिकतम सीमांत दर के हिसाब से लगेगा। लाभार्थी या विदेशी संपत्ति के लाभार्थी को रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य होगा, चाहे फिर वह आय कर योग्य हो अथवा नहीं। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करने अथवा विदेशी संपत्ति के अपर्याप्त खुलासे के साथ रिटर्न दाखिल करने पर सात साल का कठोर कारावास हो सकता है।

दैनिक समाचारपत्र इंडियन एक्सप्रेस की पिछले महीने की एक रपट के मुताबिक, साल 2006-07 के दौरान एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा में 1,195 भारतीयों के खाते थे। रपट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार ने 350 विदेशी खातों का आंकलन पूरा कर लिया है, जबकि 60 खाताधारकों के खिलाफ कर चोरी की कार्रवाही शुरू की गई है। भारत के पास अवैध रूप से विदेशों में रखे धन का हालांकि कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन अनाधिकारिक अनुमान के मुताबिक यह 466 अरब डॉलर से लेकर 1,400 अरब डॉलर हो सकता है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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