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एक ऐसा एग्री ऐप ‘अहम’ जिसमें किसानों के प्रश्नों का लाइव उत्तर देंगे वैज्ञानिक

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कृषि में किसानों की मदद के लिए कुछ न कुछ नया रोज हो रहा है। किसानों के लिए एक नया ऐप आया है, किसान चैटबोट का इस्तेमाल कर अपनी फसलों से संबंधित सवाल सीधा वैज्ञानिकों से पूछ सकेंगे और आप ताज्जुब करेंगे कि वैज्ञानिक आपके सवालों का जवाब देने के लिए लाइव उपलब्ध होंगे।

मुंबई के विवेकानंद एजुकेशन सोसायटी के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के छह विद्यार्थियों ने 30-31 मार्च को आयोजित हेकाथन में ‘अहम’ नामक ऐप बनाया। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से 28 नोडल सेंटर्स पर आयोजित प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को उनके दिए गए विषय पर 36 घंटों के भीतर ऐप बनाना था।

इस ऐप टीम की एक सदस्य दीपा नारायणन ने बताया, हमारा ऐप मूल रूप से एरोमेटिक और मेडिसिनल प्लांट की जानकारी देने के लिए है। लोगों को कपास, दलहन जैसी फसलों की जानकारी है लेकिन एरोमेटिक व मेडिसिनल प्लांट के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है।

ऐप पर खास फसलों के लिए उपयुक्त जमीन के प्रकार, मौसम, जलवायु और समय के बारे में जानकारी है। ऐप पर बाजार की भी जानकारी है जिससे किसान बीते व आने वाले समय में फसल की मांग के बारे में जान सकते हैं।

“ऐप में एक भू-कोडित प्रणाली है जो कि किसानों को बताती है कि इस स्थान की मिटृी फलां पौधे को उगाने के लिए सही है या नहीं। चूंकि किसानों को औषधीय फसलों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है, इसलिए हमारे पास दो खंडों के साथ ऐप में ‘सलाहकार बोर्ड’ है। एक चैट ऐप है जो रोबोटिक सिस्टम से जुड़ा हुआ। इसलिए जब कोई किसान फोन के माइक में अपना प्रश्न बोलता है, तो चैटबॉट उसका निश्चित ही जवाब देता ​है।

“ऐसा संभव है कि चैटबॉट आपके किसी एक प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम न हो तब, वह प्रश्न एक वैज्ञानिक के पास चला जाएगा। वैज्ञानिक चैट सत्र में इस प्रश्न का जवाब देगा।” कंप्यूटर विज्ञान के तीसरे वर्ष के छात्र ने यह बताया। ऐप में ‘मार्केट ट्रेंड’ का एक टैब भी है जो किसानों को फसलों के भूतकाल और भविष्य की मांग को चित्रमय ग्राफ के माध्यम से समझाने में मदद करता है।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने इस टीम को औषधीय गुणों से भरपूर मिंट के लिए भी एक ऐसा ऐप तैयार करने के लिए कहा गया। इसी तरह के कई प्रस्ताव कई दूसरे विषयों के लिए 27 केंद्रीय और 17 राज्य मंत्रालयों से आए थे।

इस ऐप को मंत्रालयों या अन्य सरकारी निकायों द्वारा अपने काम के क्षेत्र में उपयोग के लिए अपनाया जा सकता है। दीपा नारायणन ने कहा कि ऐप बनाने वाली टीम से सीएसआईआर की बात चल रही है कि इस ऐप को केंद्रीय औषधीय और सुगंधित संयंत्रों (सीमैप) के लिए लेने की बात चल रही है, लेकिन अभी यह फाइनल नहीं हुई है।

इनपुट आईएएनएस

नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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