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अन्तर्राष्ट्रीय

2017 में राष्ट्रपति का चुनाव दोबारा नहीं लड़ेंगे फ्रांस्वा ओलांद

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Fransva oolandपेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि वह 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे। ओलांद ने गुरुवार को 10 मिनट के टेलीविजन संबोधन में कहा, सत्ता से मेरी निष्पक्षता पर कोई असर नहीं पड़ा है। मैं जोखिमों को लेकर सचेत हूं। मैंने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करूंगा।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ओलांद (62) फ्रांस के पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने दोबारा अपनी उम्मीदवारी पेश करने से इनकार कर दिया है।

ओलांद ने संरक्षणवाद और लोकलुभावन अधिकारों के अन्य प्रस्तावों की निंदा करने के लिए अपने प्रशासन का बचाव किया। ओलांद सरकार फ्रांस की सबसे कम लोकप्रिय सरकारों में से एक है।

देश के पूर्व अर्थव्यवस्था मंत्री अरनोड़ मोंटेबर्ग ने पहले ही अपनी उम्मीदवारी जता दी है, जबकि ओलांद के फैसले से उम्मीदवारी की दौड़ में प्रधानमंत्री मैन्युएल वाल्स का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

पोल के मुताबकि, ओलांद सिर्फ कंजरवेटिव पार्टी के उम्मीदवार फ्रांस्वा फिलन से ही नहीं, बल्कि दक्षिणपंथी नेशनल फ्रंट पार्टी की मैरिन ली पेन से भी पीछे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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