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नेशनल

दिल्ली में कम शोर वाली, कम विषैली दिवाली की उम्मीद

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के बाद इस साल दिवाली के कम शोर वाली और कम विषैली होने की उम्मीद है। हालांकि कुछ लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने होम डिलिवरी और ऑनलाइन खरीदारी के जरिए पटाखे खरीदे हैं और वे इसे चलाएंगे। वहीं, कई ऐसे लोग हैं जो राजधानी के वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ाए बिना त्योहार मनाने के संदेश पर अमल करने के लिए तत्पर दिख रहे हैं।

कई पटाखा प्रेमियों ने आईएएनएस को बताया कि हालांकि उन्हें कठिनाई हुई, लेकिन पटाखा खरीदने में वे सफल रहे। वहीं, एक व्यापारी ने अदालती आदेश का हवाला देते हुए पटाखा बेचने से इनकार करते हुए कहा कि आप 1 नवंबर या उसके बाद पटाखा खरीदने आ सकते हैं क्योंकि उससे पहले इस पर रोक है।

जामा मस्जिद के निकट पटाखा बेचनेवाले अमित (42) ने बताया कि कई लोग उनके पास आ रहे हैं। लेकिन, वह उन्हें अगले महीने आने को कह रहे हैं।

उन्होंने कहा, बच्चों को समझाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन मां-बाप किसी तरह बच्चों को समझा रहे हैं।

अमित ने कहा कि उनका परिवार इस साल पिछले साल के बचे हुए पटाखे ही इस्तेमाल करेगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने दिवाली के दौरान प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए 9 अक्टूबर को दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी, जो 1 नवंबर तक लागू रहेगी।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक राजधानी में 1,200 किलो पटाखे जब्त किए जा चुके हैं तथा अवैध रूप से पटाखा बेचने में 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पिछले साल दीवाली के अवसर पर दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर बढ़कर 1,238 तक पहुंच गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीएम 2.5 सालाना औसत स्तर 10 से नीचे रखने की सिफारिश की है। इसका स्तर 35 से ज्यादा होने पर मृत्यु दर का जोखिम 15 फीसदी बढ़ जाता है। दिल्ली में इसका सालाना औसत 122 है।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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