नेशनल
सुनंदा मर्डर केस में शशि थरूर से दोबारा पूछताछ
नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर हत्या मामले में दिल्ली पुलिस के विशेष जांच दल ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर से फिर पूछताछ की। पूछताछ के लिए थरूर पहले दक्षिण दिल्ली के सरोजनीनगर पुलिस थाने पहुंचे जहां से उन्हें वसंत विहार के एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड (एएटीएस) कार्यालय ले जाया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वह पूर्वाह्न करीब 11.20 बजे वसंत विहार स्थित एएटीएस कार्यालय पहुंचे और उनसे करीब 11.30 बजे पूछताछ शुरू की गई।’ थरूर का नौकर नारायण सिंह भी उनके साथ एसआईटी के दफ्तर पहुंचा और टीम ने उससे भी पूछताछ की। एसआईटी की एक टीम ने थरूर से इससे पहले 19 जनवरी को (एएटीएस) कार्यालय में करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी। दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीएस बस्सी ने एक दिन पहले बुधवार को ही थरूर से होने वाली पूछताछ की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि थरूर से गुरुवार को फिर पूछताछ की जाएगी क्योंकि हमें कुछ बिन्दुओं पर उनसे स्पष्टीकरण चाहिए।
उल्लेखनीय है कि एसआईटी ने पांच फरवरी को थरूर के पुत्र शिव मेनन से भी पूछताछ की थी। पुलिस ने इस साल 1 जनवरी को मामला दर्ज करने के बाद घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। सुनंदा का शव 17 जनवरी, 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल में मिला था।
नेशनल
सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की गिनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान नहीं होगा। आपको बता दें कि कई संगठनों ने यह याचिका दाखिल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के मिलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।
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