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दार्जिलिंग हिंसा : हालात बेकाबू, आंदोलनकारियों ने ट्वाय ट्रेन स्टेशन को फूंका

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दार्जिलिंग। शुक्रवार रात को दार्जिलिंग के सोनादा कस्बे में पुलिस की गोली से एक व्यक्ति की मौत के बाद शनिवार सुबह सोनादा में जमकर बवाल हुआ। दार्जिलिंग हिल्स में गोरखालैंड समर्थकों ने एक पुलिस चौकी और एक ट्वॉय ट्रेन स्टेशन फूंक दिया।

आक्रोशित भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। देखते-देखते सोनादा की आग दार्जिलिंग शहर तक भी पहुंच गयी। दार्जिलिंग में पुलिस फायरिंग में एक आंदोलनकारी की मौत हो गयी।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि हिंसा की ताजा घटना के मद्देनजर सोनादा और दार्जिलिंग में करीब सौ- सौ कर्मियों की सेना की दो टुकडय़िां तैनात की गई हैं।

ममता बोलीं, केंद्र से नहीं मिल रहा सहयोग
गोरखालैंड की मांग को लेकर बढ़त हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्य सरकार के साथ सहयोग नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि समय पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तैनाती कर दार्जिलिंग में संकट को रोका जा सकता था।

मुख्यमंत्री ने नाबन्ना राज्य सचिवालय में कहा, “केंद्र सरकार का राज्य के साथ असहयोगात्मक रवैया रहा है और कुछ केंद्रीय एजेंसियां हस्तक्षेप कर रही हैं, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है।” ममता के मुताबिक, “बंगाल और राज्य से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को अशांत करने की साजिश की जा रही है। हमने कई बार केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध किया है। क्या उन्होंने समय पर तैनाती की है?.. मौजूदा हालात से बचा जा सकता था।”

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की करीबी विदेशी ताकतें गोरखालैंड आंदोलन को समर्थन दे रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दार्जिलिंग में पैदा हुआ संकट पूर्वनियोजित था। ममता ने दार्जिलिंग में शांति बहाली की अपील की और कहा कि राज्य सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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