Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

वीडियो

Kidney Transfer ने तोड़ दी मजहब की दीवारें

Published

on

Loading

खून का कोई मजहब नहीं होता और यही बात मानव शरीर पर भी लागू होती है। मानवता किसी सीमा के बंधन में भी नहीं बंधती, इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण सामने आया है। यूपी के नोएडा में दो हिंदू और मुस्लिम महिलाओं ने एक-दूसरे के पतियों को अपनी किडनियां दान देकर नई जिंदगी दी है।

ग्रेटर नोएडा के रहने वाले इकराम और बागपत के रहने वाले राहुल दोनों को किडनी की जरूरत थी। दोनों परिवारों को किडनी देने वाला नहीं मिल रहा था। दोनों की जान खतरे में थी। दोनों व्यक्तियों की पत्नियों का ब्लड ग्रुप अपने पति से मिल नहीं रहा था, जिस वजह से वह किडनी नहीं दे सकती थीं। ऐसे में संकट और गहरा गया।

इकराम की पत्नी रजिया का ब्लड ग्रुप बी-पॉजीटिव था तो इकराम का ए-पॉजीटिव। राहुल की पत्नी पवित्रा का ब्लड ग्रुप ए-पॉजीटिव था लेकिन राहुल का बी-पॉजीटिव।

इसी को लेकर अस्पताल वालों ने दोनों परिवारों की मुलाकात करवाई, और महिलाएं एक दूसरे के पतियों को किडनी देने के लिए राज़ी हो गई , पांच घंटे तक चली किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन में यह काम सफलतापूर्वक पूरा हो गया।

इस पुरे वाकया पर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है व्यक्ति का खून किसी सीमा में नहीं बंधा है। सिर्फ इंसान अपने दिमाग में धाॢमक बंदिशे मानता है। इससे बाहर निकल आया जाए तो इमरजेंसी के हालत में कई जान बचाई जा सकता हैं।

लाइफ स्टाइल

होम्योपैथी से जुड़े हर सवाल का जवाब मिलेगा यहां, देखें वीडियो

Published

on

Loading

Continue Reading

Trending