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मुख्य समाचार

कांग्रेस पर बरसे मोदी, बताया डूबी नाव

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जालंधर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर बरसे और उसे डूब चुकी नाव करार दिया। उन्होंने राज्य के लोगों से उन्हें जवाब देने को कहा, जिन्होंने पंजाब के युवाओं को देश व दुनिया में बदनाम किया। मोदी ने कहा, “सिर्फ सत्ता की राजनीति करने के कारण कांग्रेस पार्टी खुद को बचाने के लिए आज चुनाव में इस हाल से गुजर रही है। यह नाव डूब चुकी है। जिस नाव में कोई नहीं बचा, क्या ऐसी डूबने वाली नाव पंजाब को पार लगा सकती है? कांग्रेस डूबी हुई नाव है, उससे कुछ होने वाला नहीं।”
विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “देश की सेना को पंजाब के वीरों, उनके त्याग, बलिदान व अनुशासन के कारण जाना जाता है, लेकिन आज उसी राज्य के लोगों को बदनाम किया जा रहा है। निजी स्वार्थ के कारण पंजाब की आन-बान और शान का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है। क्या राजनीति इतनी नीचे चली जाएगी?” उन्होंने कहा, “राजनीति अपनी जगह पर है, पर जिन्होंने देश-दुनिया में पंजाब के वीरों की छवि खराब करने की कोशिश की, उसका पंजाब के लोगों को जवाब देना है।”
मोदी ने कहा, “ऐसे लोगों को पंजाब के गौरव के वास्ते, पंजाब की आन-बान और शान के वास्ते जवाब दें, ताकि कोई पंजाब की तरफ गलत निगाह से न देख सके।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “राज्य के भाग्य को एक नई ऊर्जा व नई ताकत देने के लिए पंजाब चुनाव मैदान में खड़ा है और यहां की जनता बादल को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा और मार्क्‍सवादी कम्युस्टि पार्टी (माकपा) तथा समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन को लेकर उसे आड़े हाथों लिया।
मोदी ने कहा, “कांग्रेस बड़ी कमाल की पार्टी है। उसने वाम दलों से समझौता कर लिया, जिससे वह 50 साल से राजनीतिक लड़ाई लड़ती रही। वास्तव में उसने सत्ता सुख के लिए ऐसा किया।” कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई दिनों तक की गई खाट सभा के संदर्भ में मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में महीनों तक गांव-गांव में सपा के खिलाफ बोला, लेकिन जब देखा कि जनता उसे स्वीकार नहीं कर रही है तो वह सपा के साथ हो गई।”

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नेशनल

सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका- नहीं लौटेगा बैलेट पेपर, न EVM और VVPAT का 100 फीसदी मिलान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट पर्ची से मिलान करने की मांग करने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। बैलट पेपर की मांग वाली भी दो याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। कोर्ट के इस फैसले से ईवीएम के जरिए डाले गए वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है। ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सहमति दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि चार को जून जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटों की ग‍िनती होगी तो उस दौरान ईवीएम के हर वोट का वीवीपैट की पर्च‍ियों से म‍िलान नहीं होगा। आपको बता दें क‍ि कई संगठनों ने यह याच‍िका दाख‍िल करके ईवीएम और वीवीपैट की पर्च‍ियों के म‍िलान की मांग की थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाए गए सवालों के जवाबों का संज्ञान लेने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की तरफ से मांग की गई थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गिनती करवाई जानी चाहिए।

चुनाव आयोग ने ईवीएम को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि वीवीपैट की पर्चियां बहुत छोटी और महीन होती हैं। कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से ईवीएम की कार्य-प्रणाली के संबंध में पांच प्रश्न पूछे थे, जिनमें यह प्रश्न भी शामिल है कि क्या ईवीएम में लगे ‘माइक्रोकंट्रोलर’ को फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है या नहीं। कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नीतेश कुमार व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्य-प्रणाली के बारे में अदालत में प्रस्तुतिकरण दिया था।

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