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ममता का मोदी पर बड़ा हमला, बोलीं- देश में ‘सुपर इमरजेंसी’ जैसे हालात

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Mamata-Banerjee newपटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया, और कहा कि देश में आज आर्थिक आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मोदी की निंदा करते हुए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य घोषित कर प्रधानमंत्री ने देश में ‘सुपर इमरजेंसी’ लागू कर दी है।

पटना के गर्दनीबाग इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल प्रमुख ने कहा, मोदी ने लोगों के जीने की आजादी छीन ली है। उन्होंने लोगों से रोटी, कपड़ा और मकान छीन लिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ उनकी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कुछ नेता थे।

उन्होंने कहा, मोदी ने महिलाओं की उनके घरों की पुरानी बचतों को बुरी तरह प्रभावित किया है। महिलाएं संकट काल के लिए अक्सर बचत करती हैं, लेकिन मोदी ने नोटबंदी के जरिए इसे खत्म कर दिया है। यह महिला शक्ति का भी अपमान है।

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने नोटबंदी का समर्थन किया है, जबकि सत्ताधारी गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ ममता के विरोध प्रदर्शन में शामिल था। राजद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे रैली में उपस्थित थे।

दोनों पूर्वे और सिंह ने ममता के साथ मंच साझा किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री मंगलवार रात राजद के प्रमुख लालू प्रसाद के निवास पर गई थीं और उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ-साथ उनके छोटे पुत्र और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी।

राजद के वरिष्ठ नेता भोला यादव ने कहा, ममता द्वारा मोदी के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की मांग पर लालू प्रसाद ने हामी भर दी थी।

तृणमूल अध्यक्ष मंगलवार की शाम यहां पहुंची थीं। पार्टी के नेताओं ने कहा कि कुछ दिनों से बीमार चल रहे लालू प्रसाद रैली में शामिल नहीं हो सके। हालांकि, ममता ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न तो मुलाकात की और न ही उन्हें रैली में आने का न्योता दिया, क्योंकि वह नोटबंदी के फैसले के समर्थन में हैं।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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