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अन्तर्राष्ट्रीय

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को

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Chemistry nobleस्टॉकहोम। इस साल रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार आणविक मशीनों पर कार्य के लिए फ्रांस के रसायन शास्त्री जीन-पियरे सॉवेज, स्कॉटलैंड के सर जे.फ्रेजर स्टुडॉर्ट तथा नीदरलैंड्स के एल.फेरिंगा को संयुक्त रूप से दिया गया है।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेंज ने इस साल यह पुरस्कार आणविक मशीनों की डिजाइन व निर्माण के लिए स्ट्रासबर्ग युनिवर्सिटी में काम करने वाले सॉवेज, अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न युनिवर्सिटी में कार्यरत स्टुडॉर्ट तथा रॉयल नीदरलैंड्स एकेडमी ऑफ साइंसेज के फेरिंगा को संयुक्त रूप से दिया है।

नोबेल पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक बयान के मुताबिक, तीनों वैज्ञानिकों ने आणविक मशीनों पर कार्य किया है। यह नियंत्रित करने वाली नैनोमीटर आकार की संरचना है, जो रासायनिक ऊर्जा को यांत्रिक बल व गति में बदल सकती है।

उन्होंने नियंत्रित गति से उन अणुओं का विकास किया, जो ऊर्जा मिलने पर कार्य कर सकता है। बयान के मुताबिक, रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वालों ने मशीनों को अत्यंत सूक्ष्म बनाया और रसायन विज्ञान को एक नया आयाम दिया।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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