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मप्र : भाजपा नेताओं को पार्टी में दिखने लगी कांग्रेस की तस्वीर

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भाजपा

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भाजपासंदीप पौराणिक 

भोपाल| मध्य प्रदेश में लगातार तीन बार चुनाव जीतने का इतिहास रच चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को अब अपनी ही पार्टी के तौर-तरीकों में खोट नजर आने लगा है और वे भाजपा में घट रहे घटनाक्रम को कांग्रेस की हालत से जोड़कर देखने लगे हैं। इशारों-इशारों में तो वे यहां तक कह रहे हैं कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो उनकी पार्टी का भी हाल वही होगा जो राज्य में कांग्रेस का हुआ।

उल्लेखनीय है कि राज्य में भाजपा संगठन से नाराज नेता या सत्ता में हिस्सेदार लोग, गाहे-बगाहे ऐसे बयान दे जाते हैं, जो पार्टी को मुसीबत में डाल देते हैं। एक बार फिर ऐसा ही कुछ हो रहा है। नेताओं और मंत्रियों के ऐसे बयान आ रहे हैं, जिससे संगठन और सत्ता दोनों ही कटघरे में खड़े नजर आते हैं।

सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव ने पार्टी की स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “पार्टी में वैचारिक मतभिन्नता नहीं है, लेकिन मतभेद हैं और कहीं-कहीं विधानसभा व लोकसभा क्षेत्र स्तर पर यह देखने को भी मिल रहा है। राज्य में कांग्रेस का जैसा क्षरण हुआ था वैसा ही भाजपा में हो रहा हैं। पार्टी में कहीं-कहीं जो स्थितियां देखने को मिलती हैं, वह ठीक नहीं हैं। इसे वरिष्ठ नेताओं को देखना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, इसलिए कार्यकर्ता के मान-सम्मान का ख्याल रखना होगा। पार्टी में कहीं-कहीं जो हो रहा है, उससे नुकसान ही होगा।”

भार्गव के बयान के बाद भाजपा के एक विधायक पन्ना लाल शाक्य का भी ऐसा ही कुछ बयान आया है। उन्होंने कहा, “संगठन के पदाधिकारियों और मंत्रियों की कार्यकर्ताओं से दूरी बढ़ रही है। जब लोगों से मिलेंगे ही नहीं तो ठीक वैसा ही हाल होगा जैसा कांग्रेस का हुआ था।”

उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से नहीं, बल्कि खुद से होगा, ऐसे हालात बन रहे हैं। इन दो नेताओं से पहले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में मेट्रो लाने के लिए चल रही कोशिशों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट के जरिए मेट्रो लाने के सरकार के प्रयासों की तुलना बैलगाड़ी से कर डाली थी। बाद में उन्होंने दूसरा ट्वीट कर इसके लिए प्रशासनिक अमले को जिम्मेदार ठहराया था।

विजयवर्गीय से पहले उम्रदराज होने के कारण मंत्रिमंडल से हटाए गए वरिष्ठ नेता बाबू लाल गौर व सरताज सिंह भी अपने बयानों के जरिए सरकार व पार्टी को मुसीबत में डालते रहे हैं।  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पार्टी को लेकर की जाने वाली बयानबाजी से नाखुश हैं। उन्होंने विजवर्गीय के बयान पर कहा कि पार्टी इससे सहमत नहीं है और उन्हें इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए, क्योंकि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।

उन्होंने विजयवर्गीय पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह दिल्ली में रहते हैं, जिसके कारण मध्य प्रदेश में पार्टी के काम को नहीं समझ पा रहे हैं।
नेताओं की बयानबाजी से पार्टी के भीतर चल रहे द्वंद्व उभरकर सामने आने लगे हैं। पार्टी का नेतृत्व लगातार बयानबाजी से दूर रहने की हिदायतें देता आ रहा है, पर असर किसी पर नहीं हो रहा है। यह इस बात की ओर इशारा करने के लिए काफी है कि नेतृत्व की पकड़ कमजोर पड़ने लगी है।

नेशनल

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, मुठभेड़ में दो आतंकियों को किया ढेर

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बारामूला। जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर में शुक्रवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच चल रही गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि एक नागरिक और दो सैनिक घायल हो गए। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक लश्कर का डिवीजनल कमांडर उस्मान और आतंक का पर्याय बने लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के कमांडर बासित डार के फंसे होने की संभावना है। रात 12:30 बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ भागने का प्रयास किया और उसके बाद दोनों ओर से गोलाबारी शुरू हुई है। बीते 48 घंटे में उत्तरी कश्मीर में आतंकियों व सुरक्षाबल के बीच दूसरी मुठभेड़ है।

इससे पूर्व मंगलवार को बांडीपोरा के रेंजी अरागाम में मुठभेड़ में भी दो सैन्यकर्मी घायल हुए थे। पुलिस को गुरुवार दोपहर बाद पता चला कि स्वचालित हथियारों से लैस दो-तीन आतंकी सोपोर में किसी जगह अपने संपर्क सूत्र से मिलने आए हैं। ये आतंकी चुनाव के दौरान किसी वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने सोपोर और उसके साथ सटे इलाकों में मुखबिरों को सक्रिय किया। शाम सात बजे के करीब जब सुरक्षाबल तलाशी लेते हुए चक मोहल्ले में आगे बढ़ रहे तो मस्जिद से कुछ ही दूरी पर स्थित एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया।

जवानों ने जवाबी फायर कर आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। जवानों ने आतंकियों की गोलीबारी के बीच ही आसपास के मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। दावा किया जा रहा है कि इस दौरान फारूक अहमद नामक एक स्थानीय नागरिक के कंधे पर गोली लगी, जिससे वह जख्मी हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक लैब टैक्निशियन है। इस भिड़ंत में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है

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