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होलिका पूजा का शुभ मुहूर्त, बुराई पर अच्छाई का त्योहार!

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होली रंगों, मेल-मिलाप, मौज-मस्ती और छक कर पकवान खाने का त्योहार है. यह बुराई पर अच्छाई का त्योहार है. इस साल होली 2 मार्च को है. होली का त्योहार फाल्गुन माह में होलिका दहन से शुरू होता है होली से एक दिन पहले शाम को होलिका दहन किया जाता है. इस बार होलिका दहन का मुहूर्त शाम 6.26 मिनट से लेकर 8.55 मिनट तक है. होलिका से जुड़ी अलग-अलग परंपरा है. कहीं-कहीं होलिका की आग घर ले जाई जाती है. उस आग से घर में रोटी बनाने को शुभ माना जाता है. होलिका मनाने के पीछे एक कहानी है.
भक्त प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप अपने बेटे से बहुत नफरत करता था. उसने प्रह्लाद पर हजारों हमले करवाए. फिर भी प्रह्लाद सकुशल रहा. हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका को भेजा. होलिका को वरदान था कि वह आग से नहीं जलेगी. हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को बोला कि वह प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ जाए. होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में कूद गई. लेकिन हुआ इसका उल्टा. होलिका प्रह्लाद को लेकर जैसे ही आग में गई वह जल गई वह प्रह्लाद बच गए. प्रह्लाद अपने आराध्य विष्णु का नाम जपते हुए आग से बाहर आ गए.

तब से होलिका दहन की रीत शुरू हो गई. इसके अगले दिन रंगों का त्योहार मनाया जाता है.

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