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अन्तर्राष्ट्रीय

हैती में पुनर्निर्माण के लिए चीनी मदद जारी

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सैंटो डोमिंगो। हैती में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत भागीदारी के बाद चीन इस देश को वर्ष 2010 में आए भूकंप से उबरने के लिए लगातार आर्थिक मदद जारी रखे हुए है। साल 2010 में यहां आए भूकंप में 2,20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 15 लाख लोग बेघर हो गए थे। चीन नवम्बर 2012 में हैती में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन से अलग हो गया था, लेकिन उसने यहां विकास कार्यो में सहयोग और वित्तीय सहायता के रूप में अपनी उपस्थिति बरकरार ररखी।

आपको बताते चले की हैती की सरकार ने 25 सितम्बर को चाइना नेशनल ऑटोमेशन कंट्रोल सिस्टम कोर्प (सीएसीएस) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था, जिससे वित्त मंत्रालय, सीमा शुल्क ब्यूरो और कर विभाग के लिए नई इमारतें बनाने में मदद मिलेगी। चीन अगले कुछ वर्षो में हैती के मुख्य अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे तोसैंट लॉवेरचर के नवीनीकरण की जिम्मेदारी भी संभालेगा।

हैती के योजना एवं विदेशी सहयोग मामलों के मंत्री यवेस जर्मेन जोसेफ ने पिछले सप्ताह कहा था, “हैती की सरकार देश के विकास कार्यो में चीन के प्रयासों एवं योगदान की सराहना करती है।”चीन ने जनवरी और फरवरी 2010 के बीच करीब 50 लाख अमेरिकी डॉलर मूल्य की सहायता सामग्री वाले पांच विमान हैती भेजे थे।

 

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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