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हनीप्रीत का सबसे बड़ा ‘राजदार’ बरामद, कई साजिशों से उठ सकता है पर्दा

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पंचकूला। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के मामलें में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत सिंह की सबसे खास राजदार हनीप्रीत और विपासना शुक्रवार को पुलिस थाने में आमने-सामने हो गईं। विपासना ने नौ घंटे की पूछताछ के बाद हनीप्रीत का सबसे बड़ा राजदार यानी उसका मोबाइल फोन पुलिस की एसआईटी को सौंप दिया। पुलिस को उम्मीद हैकि वह फोन की मदद से राम रहीम के कारनामों का पर्दाफाश कर सकेगी। इसमें राम रहीम के मददगार कई रसूखदार लोगों के नाम भी बेपर्दा होने की उम्मीद है।

पुलिस के सामने हनीप्रीत और विपासना में जमकर बहस हुई। चार घंटे 51 मिनट तक हुई पूछताछ के दौरान हनीप्रीत और विपासना के सामने 40 क्रॉस सवालों के जवाब में विपासना ने कुछ नहीं बताया। हनीप्रीत ने विपासना और पुलिस के सामने कहा कि 17 अगस्त की मीटिंग में विपासना भी मौजूद थी, लेकिन विपासना ने इस बात को सिरे से नकार दिया।

पुलिस ने हनीप्रीत का काले रंग का आईफोन जब्त किया है और अब उसके लैपटॉप की तलाश है। अंडरग्राउंड होने से पहले यह फोन हनीप्रीत विपासना को दे गई थी। विपासना से आइफोन पुलिस को सौंप दिया है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिकफोन के होम बटन पर फिंगर प्रिंट लॉक लगा हुआ है। इस फोन को टेक्निकल लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। फोन में पंचकूला हिंसा से पहले और तुरंत बाद के दिनों के कॉल रिकॉर्ड्स और पुराना डेटा होने का पता चला है। हनीप्रीत यही फोन इस्तेमाल करती थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक हनीप्रीत के मोबाइल फोन में कुछ भडक़ाऊ वीडियो हो सकते हैं। हनीप्रीत पर आरोप है कि उसने डेरा के लोगों द्वारा दिए गए भडक़ाऊ भाषण मंगवाकर उनको सोशल मीडिया पर वायरल किया था।

सूत्रों की माने तो विपासना ने कई अहम बातें पुलिस को कई चीजें सत्यापित कराई हैं। विपासना ने नौ घंटे की मैराथन पूछताछ के दौरान एसआईटी के सामने कई अहम राज खोले हैं।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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