अन्तर्राष्ट्रीय
स्वास्थ्य में सुधार के लिए करें अधिक काम
न्यूयॉर्क| वर्तमान में कामगारों के बीच नींद की कमी बड़ी समस्या बनकर उभरी है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्यस्थल संस्कृति को थोड़ा लोचदार बनाकर न केवल कर्मचारियों को नींद की कमी से उबारा जा सकता है, बल्कि इससे उनके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। पेंसिलवानिया स्टेट यूनिवर्सिटी में बायोविहेवियरल हेल्थ के एसोसिएट प्रोफेसर ऑरफ्यू एम.बॉक्सटन ने कहा, “पर्याप्त नींद की कमी के कारण हम काम के प्रति चौकस नहीं रह पाते। इससे न सिर्फ हम सूचनाओं को धीरे-धीरे ग्रहण कर पाते हैं, बल्कि कभी-कभी कई तरह की गलतफहमियां पैदा होती हैं और फैसले लेने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।”
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब लोगों के कार्य समय पर उनका खुद का नियंत्रण बढ़ता है, तो बढ़िया नींद के साथ-साथ उसकी समयावधि में भी बढ़ोतरी होती है।
यह अध्ययन 474 कर्मचारियों पर किया किया, जिसमें से आधे का अपने काम पर खुद का नियंत्रण था, जबकि आधे लोग किसी और के हस्तक्षेप में काम कर रहे थे।
पहले छह महीने तथा फिर एक साल के अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जिनका अपने काम पर खुद का नियंत्रण था, उन्हें न सिर्फ अच्छी नींद आने लगी, बल्कि इसकी समयावधि भी बढ़ गई। इसका पूरा असर उनकी सेहत पर पड़ा।
यह अध्ययन पत्रिका ‘स्लीप हेल्थ’ में प्रकाशित हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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