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स्मार्टफोन बता सकता है आपकी सेक्स अभिरुचि

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लंदन| स्मार्टफोन पर इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न एप से क्या आपकी सेक्स अभिरुचियों को जाना जा सकता है? जी हां, एक ताजा अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। वयस्क सामग्री मुहैया कराने वाली अग्रणी वेबसाइट ‘पोर्नहब’ की ओर से कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के बीच ही अंतर स्पष्ट नहीं होता, बल्कि इससे उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत अभिरुचियों का भी पता चलता है।

पोर्नहब ने मोबाइल उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन हरकतों का अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि दोनों ओएस इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं के बीच स्पष्ट तौर पर अंतर किया जा सकता है।

वेबसाइट ‘डेलीमेल डॉट कॉम’ के अनुसार, आईओएस उपयोगकर्ता पोर्नहब वेबसाइट पर औसतन आठ मिनट 40 सेकेंड समय बिताते हैं और 9.8 पेज देखने के बाद चले जाते हैं।

आईओएस उपयोगकर्ता एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं की अपेक्षा बंधक वर्ग के वीडियो 105 फीसदी और जादू-टोना वर्गो के पोर्न वीडियो 66 फीसदी अधिक देखते हैं।

वहीं एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के बीच एबोनी और काटरून थीम वाले पोर्न वीडियो देखने का चलन अधिक पाया गया।

एंड्रॉयड उपयोगर्ता औसतन 10 मिनट पोर्नहब की वेबसाइट पर गुजारते हैं और 10.9 पेज देखते हैं।

एप्पल उपयोगकर्ता अपनी अभिरुचि को लेकर असमंजस की स्थिति में नजर आते हैं, जबकि एंड्रॉयड उपयोगर्ताओं की अभिरुचियां ज्यादा स्पष्ट दिखाई देती हैं।

पोर्नहब पर विभिन्न उपकरणों से आने वाले उपयोगकर्ताओं में सिर्फ एंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं की संख्या 48 फीसदी पाई गई। आईओएस के उपयोगर्ता 46 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और आस्ट्रेलिया में आईओएस के अधिकांश उपयोगकर्ता हैं, जबकि ब्राजील, अर्जेटीना और भारत में अधिकांश उपयोगकर्ता एंड्रॉयड के हैं।

 

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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