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नेशनल

सोनिया और पूर्व रेल मंत्रियों को नहीं भाया बजट

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पेश हुए रेल बजट को बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की विभिन्न पहल को नया बनाकर पेश किया गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि रेल बजट 2015 बेहद निराशाजनक है। वे केवल संप्रग सरकार की पहल को नया बनाकर पेश कर रहे हैं।

छह पूर्व रेल मंत्रियों ने भी बजट को लेकर निराशा जताई है। पेश है पूर्व रेल मंत्रियों की प्रतिक्रिया-

पवन कुमार बंसल : राजग सरकार की ओर से पेश किया गया बजट संप्रग सरकार द्वारा पूर्व में पेश किए गए बजट का ही दोहराव है। डीजल की कीमतें लगभग आधी हो गई हैं, फिर भी किराया घटाया नहीं गया। किराया नहीं बढ़ाए जाने को लेकर वाहवाही की कोई बात ही नहीं है।

लालू प्रसाद : कुप्रबंधन के करण रेलवे की हालत खस्ता है। सरकार को पहले से लंबित योजनाएं पूरी करनी चाहिए। थर्ड लाइन से सभी बंदरगाहों को जोड़ा जाना था, उसे पूरा किया जाए। पता नहीं, सरकार क्या चाहती है। भाजपा हवा में आई थी, हवा हो जाएगी।

नीतीश कुमार : प्रभु का रेल बजट अपूर्ण और अव्यावहारिक है। बजट में ऐसा कुछ भी नया नहीं है, जिसकी चर्चा की जाए। लंबित परियोजनाओं को लेकर बजट भाषण में कोई बात नहीं की गई है। उम्मीद थी कि यात्री किराये कम होंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

ममता बनर्जी : मोदी सरकार जनता को मूर्ख बना रही है। डीजल के दाम कम हुए हैं, फिर भी किराया नहीं घटाया गया। सरकार ने अभी हाल ही में रेल किराया बढ़ाया था। बजट में नहीं बढ़ाया तो इसमें खुश होने की कोई बात नहीं है।

मल्लिकार्जुन खड़गे : यह पूरी तरह से ‘ड्रीम बजट’ है। इसे व्यावहारिक तौर पर लागू करना आसान नहीं है।

दिनेश त्रिवेदी : जब बजट होता है, तब नंबर दिए जाते हैं। यहां तो बजट ही नहीं है, सिर्फ बातें हैं। यात्रियों के लिए इसमें कुछ नहीं है। ईंधन के दाम बढ़ने का हवाला देकर रेल किराया बढ़ाया गया था, ईंधन के दाम घटे तो किराये में कटौती जरूरी थी, लेकिन वह नहीं हुआ।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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