बिजनेस
सेबी ने स्टार्ट-अप के लिए नियम आसान किए
मुंबई। सेबी ने स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देने के उदेश्य से इस क्षेत्र में एंजल निवेशकों के लिए नियमों में ढील दी है। इसके तहत सेबी ने एक योजना में एंजल निवेशकों की अधिकतम संख्या 49 से बढ़ा कर 200 कर दी है। सेबी के निदेशक मंडल ने बुधवार की अपनी बैठक में स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए कई बदलावों की घोषणा की।
नियामक के मुताबिक, नए नियमों के तहत एंजल कोष अब स्टार्ट-अप में तीन की जगह 5 साल के अंदर पंजीकृत इकाइयों में निवेश कर सकेंगे। जोखिम को बांटने के लिए सेबी ने इस क्षेत्र के एंजल निवेशकों को अपने निवेश योग्य धन का 25 प्रतिशत हिस्सा विदेश में करने की छूट दी हैं। इस तरह संशोधित यह व्यवस्था अन्य वैकल्पिक निवेश कोषों जैसी हो गई है।
सेबी ने स्टार्ट-अप क्षेत्र में निवेश कोष के लिए तय न्यूनमत सीमा 50 लाख रुपये से घटा कर 25 लाख रुपये कर दी है।
इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपटलिस्ट एसोसिएशन (आईवीसीए) के अध्यक्ष गोपाल श्रीनिवासन ने कहा, जहां यह एंजेल निवेशकों के लिए सकारात्मक खबर है और इससे उनकी उपस्थिति मजबूत होगी। वहीं, यह उद्यमियों के लिए व्यापार के क्षेत्र में कई रास्ते खोलेगा।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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