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अन्तर्राष्ट्रीय

सुषमा नेपाल दानकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगी

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काठमांडू | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय दानकर्ता सम्मलेन में शिरकत करेंगी। इस सम्मेलन का आयोजन नेपाल में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्यो के लिए किया जा रहा है। नेपाल ने विशेष अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसमें हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था। नेपाल के वित्त मंत्री राम शरण महत ने नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला की ओर से मोदी को आमंत्रित किया था।

नेपाल के वित्त मंत्रालय से मधु मरसानी ने बताया, “हमें भारत की ओर से पुष्टि मिल गई है कि इस सम्मेलन में भारत का नेतृत्व सुषमा स्वराज करेंगी।” इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सुषमा के साथ वरिष्ठ भारतीय अधिकारी भी होंगे, जहां भारत नेपाल के लिए सहायता राशि या ऋण की घोषण कर सकता है। नेपाल में 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद भारत पहला देश था, जिसने नेपाल की ओर मदद का हाथ सबसे पहले बढ़ाया था। भारत ने पीड़ितों की मदद के लिए खोज और बचाव दल, हेलीकॉप्टर और सैन्यकर्मियों को भेजा था। भूकंप के बाद भारत पहले ही नेपाल को सहायता स्वरूप 6.5 अरब नेपाली रुपये यानी 4.5 अरब रुपये दे चुका है।

इस सम्मेलन का विषय ‘टूवर्ड्स रिसिलियंट नेपाल’ है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री कोईराला करेंगे। सम्मेलन के जरिए नेपाल देश में पुनर्निर्माण कार्यो के लिए पूंजी जुटाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, नेपाल को लाखों घरों, अन्य संरचनाओं और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए सात अरब डॉलर की जरूरत है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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