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अन्तर्राष्ट्रीय

सुरेशभाई पटेल की बात नहीं समझ पाई थी मेडिसन पुलिस

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वाशिंगटन | अमेरिका में अलबामा पुलिस के बल प्रयोग से आंशिक रूप से पक्षाघात का शिकार हो गए भारतीय नागरिक के वकील ने नया मुकदमा किया है। वकील ने शिकायत में लिखा है कि पुलिस उनके मुवक्किल की बात नहीं समझ पाई थी। संघीय अदालत में शुक्रवार को नागरिक अधिकार मुकदमा किया गया, जिसमें छह फरवरी को भारतीय नागरिक सुरेशभाई पटेल (57) पर छह फरवरी को किए गए बल प्रयोग से हुई क्षति में अनिर्दिष्ट मुआवजे और दोषी को दंड दिए जाने की मांग की गई है। यह घटना तब हुई थी जब वह मैडिसन उपनगर स्थित अपने बेटे चिराग पटेल के घर के बाहर टहल रहे थे।

12 फरवरी को पटेल के वकील हैंक शेरॉड ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिमसें मेडिसन सिटी के दो अधिकारियों जॉन डोइ और जिम स्मिथ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने अवैध रूप से तलाशी ली, अत्यधिक बल प्रयोग किया, गलत तरीके से गिरफ्तारी की और हमला किया। मुकदमे में कहा गया कि पटेल अपने पोते की देखभाल में अपने बेटे व बहू की मदद के लिए अमेरिका आए थे। मौजूदा परिस्थितियां, जो हमले की वजह बताई जा रही है, उसके संदर्भ में शिकायत में कहा गया है, “पटेल पैंट, बटन वाली शर्ट, स्वेटर और बुनी हुई टोपी पहन कर टहल रहे थे। उनके पैंट के पॉकेट में हरे रुमाल के अलावा कुछ नहीं था, जिसका इस्तेमाल बाद में पटेल के चेहरे से खून साफ करने के लिए अधिकारियों ने किया था।”

शिकायत में कहा गया है कि पटेल पहले भी ऐसे टहलने जाते थे, लेकिन उस दिन पड़ोसी ने मैडिसन पुलिस विभाग को फोन कर पटेल को एक संदिग्ध व्यक्ति बताया। इसके बाद क्षेत्र प्रशिक्षण अधिकारी, और एक पुलिस प्रशिक्षु को मामले की जांच के लिए भेजा गया और उन्होंने पटेल को रुकने के लिए कहा। इसके बाद पटेल ने अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी में अधिकारी से कहा, “नो इंग्लिश, ‘इंडियन’, ‘वाकिंग’ और सड़क की तरफ इशारा करते हुए अपने घर का नंबर बताया और लगातार अपनी स्थिति अधिकारी के सामने स्पष्ट करने की कोशिश की। शिकायत में कहा गया है कि पुलिस ने इसके बाद उनकी तलाशी ली, जो कि अनावश्यक और गैर कानूनी थी।

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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