अन्तर्राष्ट्रीय
सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में बान की-मून
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने बुधवार को कहा कि वह सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में हैं। यह तेजी से बदलती दुनिया के अनुकूल होगा और संयुक्त राष्ट्र महासभा इस मामले में सही दिशा में जा रही है।
बान ने यहां कहा, “मैं हमेशा से सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधिक, लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने के लिए इसके विस्तार के पक्ष में रहा हूं। दुनिया बदल गई है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में हुए व्यापक और नाटकीय बदलावों के मद्देनजर यह जरूरी है कि सुरक्षा परिषद को भी इन बदलावों के अनुरूप खुद को ढालना चाहिए।”
बान ने हाल ही में महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद में सुधार संबंधी वार्ता मसौदे पर सहमति जताने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया हालांकि बहुत धीमी है और काफी लंबा समय ले रही है, फिर भी सही दिशा में जा रही है।” संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम काहंबा कुतेसा सोमवार को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन इस वार्ता मसौदे पर बने गतिरोध को तोड़ने में सफल रहे थे और इसे मंजूर होते देखा था। अब सुरक्षा परिषद में सुधार पर वार्ताओं का दरवाजा खुल गया है।
कुतेसा की जगह महासभा के अध्यक्ष बने मोगेन्स लाइक्केतोफ ने कहा है कि वह सुरक्षा परिषद में सुधार की इस कोशिश को जारी रखेंगे। बान ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों पर भारत के रुख जैसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में संघर्ष रोकने और मध्यस्थता के लिए उस इलाके के संगठनों की भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए। भारत इसी बात को लगातार उठाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा मिशनों में सबसे अधिक भारतीय सैनिक लगे हुए हैं। 15 जगहों पर संयुक्त राष्ट्र शांति सेना काम कर रही है। इनमें 11 में भारत की भी भागीदारी है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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