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अन्तर्राष्ट्रीय

सुरक्षा एजेंसियों की नजर से कैसे बचा अपराधी : एबट

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सिडनी| ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने बुधवार को सवाल उठाया कि सिडनी में लोगों को बंदूक के बल पर बंधक बनाने वाला अपराधी सुरक्षा एजेंसियों की नजर से कैसे बच गया? मार्टिन प्लेस में पुलिस के अभियान में मारा गया बंदूकधारी पहले भी हिंसक घटनाओं और गतिविधियों में शामिल रहा था और राज्य, संघीय पुलिस, घरेलू जासूस एजेंसी और ऑस्ट्रेलियन सेक्युरिटी इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन (एएसआईओ) की आपराधिक सूची में पहले से शामिल था।
एबट ने कहा कि हारून मोनिस नाम का व्यक्ति अपनी लंबी आपराधिक पृष्ठभूिम और चरमपंथ की तरफ झुकाव के बावजूद सुरक्षा एजेंसियों की नजर में नहीं था। जनता को यह पूछने का अधिकार है कि अपराधी पर सुरक्षा एजेंसियां नजर क्यों नहीं रख रही थीं?

एबट ने एबीसी रेडियो को बताया, “यह कैसे हो सकता है कि उस जैसा इंसान समाज में रहते हुए मनमानी कर रहा था। यह सारे सवाल हैं, जिन पर हमें सतर्कता, शांति और विधिपूर्वक विचार करने की जरूरत है, ताकि सबक लेकर उन पर कार्रवाई की जा सके।”

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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